हुंडई मोटर कंपनी ने हाल ही में अपने पहले सीईओ इन्वेस्टर डे का आयोजन किया, जिसमें कंपनी ने 2030 के विजन के तहत अपनी बड़ी विकास रणनीति का खुलासा किया। ऑटोमेकर ने कई योजनाओं की घोषणा की, जिनमें भारत सहित विभिन्न बाजारों के लिए नए मॉडल शामिल हैं। भारत के लिए हुंडई की पहली स्थानीय रूप से डिजाइन की गई इलेक्ट्रिक कार भी इस रोडमैप का हिस्सा है, जिसे 2030 तक लॉन्च किया जाएगा। कंपनी भारत में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की भी तैयारी कर रही है।
कंपनी ने पहले ही कहा था कि वह भारतीय बाजार में आक्रामक तरीके से काम करेगी और आने वाली स्थानीय रूप से डिजाइन की गई ईवी उसी रणनीति का हिस्सा है। कंपनी ने कहा कि यह गाड़ी भारतीय ड्राइवरों के अनुरूप डिजाइन की जाएगी और इसमें स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का भी लाभ मिलेगा।
वर्तमान में, हुंडई की पहली मास-मार्केट ईवी क्रेटा इलेक्ट्रिक है, लेकिन आने वाली गाड़ी और भी अधिक किफायती और आम ग्राहकों के लिए होगी। इस समय हुंडई के पास टाटा पंच ईवी, एमजी कॉमेट जैसी एंट्री-लेवल ईवी का तोड़ नहीं है। माना जा रहा है कि यह नई ईवी उसी सेगमेंट में उतरेगी, जहां अधिक बिक्री और ग्राहकों तक आसानी से पहुंचने की संभावना है।
इन्वेस्टर डे पर हुंडई ने यह भी बताया कि वह पुणे प्लांट की उत्पादन क्षमता को 2030 तक 2.5 लाख यूनिट और बढ़ाएगी। इसका उद्देश्य भारत को निर्यात हब के रूप में मजबूत बनाना है। कंपनी आने वाले पांच सालों में दुनिया भर में 12 लाख अतिरिक्त गाड़ियों की उत्पादन क्षमता जोड़ने की योजना बना रही है।
हुंडई का लक्ष्य है कि 2030 तक वैश्विक स्तर पर 55.5 लाख गाड़ियों की बिक्री करे, जिनमें से करीब 33 लाख गाड़ियां इलेक्ट्रिक होंगी, जिनमें 18 से ज्यादा हाइब्रिड मॉडल शामिल रहेंगे। इसके अतिरिक्त, कंपनी मिड-साइज पिकअप और हल्के कमर्शियल वाहनों जैसे नए सेगमेंट में भी कदम रखेगी। भारत के लिए नई ईवी के अलावा यूरोप के लिए Ioniq 3, चीन के लिए Elexio और एक नई इलेक्ट्रिक सेडान पर भी काम चल रहा है। 2027 से कंपनी एक्सटेंडेड रेंज ईवी भी पेश करेगी, जिनकी रेंज 966 किमी से ज्यादा होगी। ये गाड़ियां इंजन और पूरी तरह इलेक्ट्रिक के बीच का पुल साबित होंगी।