सोना कॉमस्टार के मैनेजिंग डायरेक्टर और ग्रुप सीईओ विवेक विक्रम सिंह का मानना है कि भारत की ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है। उन्होंने कंपनी की यात्रा, ऑटो कंपनियों और कंपोनेंट निर्माताओं के बीच बदलते संबंधों और भविष्य की चुनौतियों पर बात की।
उन्होंने अपने करीबी दोस्त और सोना कॉमस्टार के चेयरमैन के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि किसी अपने की कमी महसूस करना मुश्किल होता है, लेकिन जिम्मेदारियां बनी रहती हैं। सिंह ने बताया कि कैसे सोना कॉमस्टार ने गियर बनाने वाली कंपनी से सिस्टम्स बनाने वाली कंपनी का रूप ले लिया। उनका कहना है कि कंपनी ने गियर्स से शुरुआत की, फिर असेंबली, ड्राइवलाइन सिस्टम्स, मोटर्स और अब सेंसर सिस्टम्स तक पहुंचे।
सिंह ने बताया कि ऑटोमेकर्स अब सिस्टम पार्टनर्स की तलाश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें तेजी से नए मॉडल लॉन्च करने की आवश्यकता है। उन्होंने टियर 0.5 सप्लायर के कॉन्सेप्ट पर बात करते हुए कहा कि अभी वहां तक पहुंचना मुश्किल है। सिंह ने कहा कि 100 अरब डॉलर का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसके लिए रिसर्च, इनोवेशन, इंजीनियरिंग स्किल्स और एक पूरे इकोसिस्टम की आवश्यकता है।