मारुति सुजुकी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक SUV, e-Vitara लॉन्च की है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई। कंपनी इसे सितंबर में भारत में पेश कर सकती है, लेकिन फिलहाल इसे विदेशों में निर्यात किया जाएगा। e-Vitara मारुति की पहली पूर्णतः इलेक्ट्रिक कार है। Rhodium Group की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत की इलेक्ट्रिक कार उत्पादन क्षमता 25 लाख यूनिट सालाना हो सकती है, जो वर्तमान क्षमता से 10 गुना अधिक है। यदि ऐसा होता है, तो भारत चीन, यूरोप और अमेरिका के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ईवी निर्माता बन जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बने रहने के लिए उत्पादन लागत कम करनी होगी। 2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग लगभग 4 लाख से 14 लाख के बीच होने का अनुमान है, जबकि उत्पादन क्षमता 25 लाख तक पहुंच सकती है। सरकार का ‘मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ प्लान इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मामले में भी जोर पकड़ रहा है। भारत सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है, स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा दे रही है और चार्जिंग स्टेशन के बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है। बैटरी निर्माण में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, और 2030 तक 567 गीगावॉट ऑवर (GWh) बैटरी सेल बनाने की क्षमता तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, ईवी की बिक्री में भारत अभी थोड़ा पीछे है, जिसे सफल बनाने के लिए नीतियों को स्पष्ट और स्थिर करना होगा।