भारत ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो 10 साल में 81वें स्थान से 38वें स्थान पर पहुंच गया है। यह सफलता सरकार की नीतियों, युवाओं की प्रतिभा, डिजिटल क्रांति और स्टार्टअप संस्कृति के कारण मिली है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025 में भारत ने 139 अर्थव्यवस्थाओं में से 38वां स्थान हासिल किया है। स्विट्जरलैंड इस रैंकिंग में पहले स्थान पर है। GII लगभग 140 अर्थव्यवस्थाओं की इनोवेशन क्षमता को मापता है, जिसमें R&D व्यय, वेंचर कैपिटल डील्स, हाई-टेक निर्यात और बौद्धिक संपदा शामिल हैं। भारत की प्रगति का मुख्य कारण अनुसंधान और विकास (R&D) पर बढ़ता ध्यान है। केंद्र और राज्य सरकारें वैज्ञानिक शोध, तकनीक और नए प्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चला रही हैं। स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों ने युवाओं को अपने विचारों को व्यवसाय में बदलने का अवसर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में शामिल हो गया है। डिजिटल इंडिया अभियान ने भी इनोवेशन को नई दिशा दी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों तक इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ी है। फिनटेक, ई-कॉमर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वेंचर कैपिटल निवेश और निजी क्षेत्र की भागीदारी ने इनोवेशन को और मजबूत किया है, जिससे युवा उद्यमियों के स्टार्टअप वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहे हैं। शिक्षा और कौशल विकास भी भारत की इनोवेशन यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें IIT, IIM और अन्य प्रमुख संस्थान अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।





