नॉर्दर्न रेलवे ने कश्मीर घाटी में लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हुए पहली ऑटोमोबाइल रेक की शुरुआत की, जिसमें 116 कारें शामिल थीं। यह ट्रेन मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के गति शक्ति टर्मिनल (GCT), मानेसर से चलकर दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग गुड्स शेड पहुंची। इस ट्रेन में ब्रेज़ा, डिज़ायर, वैगनआर और एस-प्रेसो जैसे लोकप्रिय मॉडल सहित कुल 116 यात्री गाड़ियां लोड की गईं। यह पहली बार है जब नॉर्दर्न रेलवे ने कश्मीर घाटी के लिए एक ऑटो ट्रेन भेजी है।
ट्रेन ने लगभग 45 घंटे में 850 किलोमीटर की दूरी तय की, जिसमें दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब नदी रेल आर्च ब्रिज से गुजरना भी शामिल था। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के माध्यम से कश्मीर की कनेक्टिविटी और माल ढुलाई क्षमता में सुधार हुआ है। इस पहल से सड़क यातायात का दबाव कम होगा और सामान ढोने की गति बढ़ेगी।
इस कदम से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, सप्लाई चेन मजबूत होगी, और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भविष्य में इस रूट पर अधिक ट्रेनों के चलने से रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे, जो सड़क मार्ग की तुलना में एक तेज़, सुरक्षित और विश्वसनीय विकल्प होगा।