अब तक, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की कहानी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे महानगरों तक ही सीमित रही है। लेकिन हाल के दिनों में परिदृश्य बदलता हुआ दिख रहा है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के अनुभव बताते हैं कि भारत में ईवी अपनाने की अगली लहर अब टियर-2 शहरों से शुरू होने वाली है।
टियर-2 शहर बने EV हब
ईवी डिमांड के नए केंद्र भुवनेश्वर, इंदौर, जयपुर और मेरठ जैसे शहर बनकर उभर रहे हैं। छोटे शहरों में समर्पित पार्किंग की सुविधा आसानी से उपलब्ध है, जिससे होम चार्जिंग सेटअप स्थापित करना सरल हो जाता है। इसके अतिरिक्त, कम दूरी की दैनिक यात्रा और राजमार्ग बुनियादी ढांचे में सुधार ईवी अपनाने में तेजी ला रहे हैं। यहां के कई ग्राहक 20 लाख रुपये से अधिक के मूल्य वर्ग में हैं और उनके लिए इलेक्ट्रिक कार खरीदना बिना किसी कठिनाई के संभव हो रहा है।
महिंद्रा की तीन-स्तरीय रणनीति
महिंद्रा के लिए, यह परिवर्तन उसकी ईवी रणनीति की पुष्टि करता है। कंपनी ने ईवी सेगमेंट में 41 प्रतिशत राजस्व बाजार हिस्सेदारी Q1 में हासिल की है। यह उसके तीन-स्तरीय उत्पाद दृष्टिकोण पर आधारित है।
Pack 3: प्रीमियम सेगमेंट (जैसे BE 6 और XEV 9e), जो कंपनी की EV पहचान को मजबूत करने के लिए लॉन्च किए गए हैं।
Pack 2: मिड-रेंज EVs, जिनसे ग्राहकों का दायरा बढ़ा और बिक्री 3,500 से बढ़कर 4,000 यूनिट प्रति माह तक पहुंच गई।
Pack 1: एंट्री-लेवल EVs, जिन्हें पहली बार EV लेने वाले ग्राहकों के लिए तैयार किया जा रहा है।
प्रीमियम का फॉर्मूला
महिंद्रा ने ईवी को सिर्फ किफायती विकल्प के तौर पर पेश करने के बजाय उन्हें प्रीमियम उत्पाद बनाने पर ध्यान दिया है। पैक 3 मॉडलों ने ग्राहकों के बीच ईवी को एक वांछनीय उत्पाद के रूप में पेश किया। अब पैक 2 किफायती होते हुए भी प्रीमियम टच बनाए रखता है, खासकर उन टियर 2 शहरों के लिए है जहां लोग अब ईवी अपनाने को लेकर उत्साहित हैं। पैक 1 भविष्य में और व्यापक ग्राहक वर्ग को आकर्षित करेगा।
कंपनी का यह फॉर्मूला उसकी एसयूवी लाइनअप में भी दिखता है। जहां स्कॉर्पियो वॉल्यूम ड्राइवर है, वहीं XUV700 और थार ने युवाओं को जोड़ा। 3XO ने लॉन्च के एक साल के भीतर 1 लाख यूनिट का आंकड़ा पार किया, जो प्रीमियम और मास मार्केट का संतुलन दिखाता है।
चुनौतियाँ भी मौजूद
हालांकि अवसर बड़े हैं, चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। जीएसटी कटौती के कारण बड़े आईसीई एसयूवी की कीमतें घटने से ईवी और आईसीई वाहनों के बीच मूल्य अंतर कम हो सकता है। लेकिन महिंद्रा का मानना है कि सुविधाओं और कर लाभों को जोड़ने पर ईवी पहले से ही 60% बाजार में ICE के बराबर कीमत पर उपलब्ध हैं।