मारुति सुजुकी, जो देश में सबसे बड़ी कार विक्रेता कंपनी है, ने जीएसटी लागू होने से पहले ही दिन एक नया रिकॉर्ड बनाया है। नवरात्रि के पहले दिन मारुति ने पूरे देश में 30,000 कारें बेचीं। कंपनी ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन लगभग 30,000 कारों की डिलीवरी की गई और 80,000 पूछताछ प्राप्त हुईं।
मारुति सुजुकी ने हाल ही में नई कारों की कीमतों की घोषणा की थी, ताकि जीएसटी दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाया जा सके। कंपनी ने बताया कि एंट्री-लेवल ऑल्टो K10 अब ₹1,07,600 सस्ती होकर ₹3,69,900 में मिलेगी, जबकि ग्रैंड विटारा की कीमत भी घटकर ₹10,76,500 हो गई है।
4 सितंबर 2025 को सरकार ने कई वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम कर दीं, जिनमें साबुन से लेकर छोटी कारें तक शामिल थीं। यह बदलाव 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है। इस सुधार के तहत पहले के चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर अब केवल दो (5% और 18%) कर दिया गया है।
सरकार के अनुसार, छोटी कारें वे होंगी जिनकी लंबाई 4 मीटर से कम हो, पेट्रोल इंजन 1,200cc से छोटा हो और डीजल इंजन 1,500cc से छोटा हो। ऐसी कारों पर 18% जीएसटी लगेगा। वहीं, बड़ी या लग्जरी कारें वे होंगी जिनकी लंबाई 4 मीटर से ज्यादा हो और पेट्रोल इंजन 1,200cc से बड़ा या डीजल इंजन 1,500cc से बड़ा हो। इन पर 40% जीएसटी लगाया जाएगा। यही परिभाषा हाइब्रिड कारों पर भी लागू होगी, जबकि इलेक्ट्रिक कारों पर पहले की तरह सिर्फ 5% जीएसटी ही लगेगा।
मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी होने के कारण इस सुधार की सबसे बड़ी लाभार्थी मानी जा रही है, क्योंकि इसकी ज्यादातर बिक्री छोटी कारों से ही आती है। हालांकि, यह ध्यान रखना होगा कि छोटी कार की श्रेणी में आने के लिए सभी पैरामीटर पूरे होने जरूरी हैं। उदाहरण के लिए जिम्नी भले ही 4 मीटर से छोटी है, लेकिन इसका पेट्रोल इंजन 1.5 लीटर का है, इसलिए यह 40% टैक्स स्लैब में आती है। इसी तरह, एर्टिगा का इंजन तो 1,198cc है, लेकिन इसकी लंबाई 4.3 मीटर है, जिससे यह भी 40% टैक्स स्लैब में आती है। यानी किसी एक भी शर्त से हटने पर गाड़ी 18% से बाहर होकर 40% जीएसटी स्लैब में चली जाएगी।