कार की दुनिया में कुछ गाड़ियाँ केवल गाड़ी नहीं रहतीं, बल्कि लोगों की यादों, भावनाओं और सपनों का हिस्सा बन जाती हैं। मारुति सुजुकी स्विफ्ट भी ऐसी ही एक कार है। इस हैचबैक कार ने दुनिया भर में 1 करोड़ यूनिट्स की बिक्री का आँकड़ा पार कर लिया है। कंपनी ने यह उपलब्धि 2004 में जापान में शुरुआत के 20 साल और 8 महीने बाद हासिल की। स्विफ्ट की शुरुआत भारतीय बाजार में 2005 में हुई थी। इस सफलता में भारत की भूमिका सबसे अहम रही है, जहाँ से अकेले 60 प्रतिशत यानी लगभग 60 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई है।
स्विफ्ट ने 2005 में भारतीय बाजार में कदम रखा। उस समय कॉम्पैक्ट हैचबैक सेगमेंट तेज़ी से बढ़ रहा था, लेकिन विकल्प सीमित थे। स्विफ्ट ने आते ही भारतीय ग्राहकों का दिल जीत लिया। इसके स्टाइलिश डिजाइन, बेहतर माइलेज और किफायती दाम ने मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा किया। मारुति ने समय के साथ डीजल वेरिएंट और डिजायर जैसे सेडान मॉडल भी लॉन्च किए, जिससे इसकी मांग बढ़ी। भारत में इसकी सफलता का एक और कारण था कि कंपनी ने स्विफ्ट लॉन्च करने के एक साल बाद ही स्थानीय उत्पादन शुरू कर दिया, जिससे कीमतें नियंत्रण में रहीं और गाड़ी बड़े पैमाने पर बिक सकी।
स्विफ्ट सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही। इसे जापान, हंगरी, चीन, पाकिस्तान और घाना जैसे देशों में भी बनाया गया। आज यह 170 से ज़्यादा देशों में बिकती है। यूरोप में इसकी हिस्सेदारी 14 प्रतिशत और जापान में 8 प्रतिशत है, जबकि बाकी 18% यूनिट्स दुनिया के अन्य हिस्सों से आती हैं। स्विफ्ट एक स्टाइलिश, प्रैक्टिकल और भरोसेमंद कार के रूप में पहचानी जाती है।
2004 से अब तक स्विफ्ट चार जनरेशन बदल चुकी है। नई टेक्नोलॉजी, सुरक्षा फ़ीचर्स और डिज़ाइन बदलावों के बावजूद, इसकी आत्मा वही रही है – कॉम्पैक्ट साइज़, स्पोर्टी डिज़ाइन और रोजमर्रा की ज़रूरतों के अनुसार उपयोगिता। यही कारण है कि बदलते ऑटो सेक्टर, कड़े उत्सर्जन मानकों और नई फ़ीचर्स की माँग के बीच भी स्विफ्ट हमेशा लोगों की पसंद बनी रही। इसे जापान में कार ऑफ द ईयर जैसे अवार्ड भी मिले।
आज भी सड़कों पर हर कुछ गाड़ियों में से एक स्विफ्ट ज़रूर दिख जाएगी। इसकी सफलता का राज़ है भारतीय ग्राहकों की ज़रूरतों को समझना। यह सस्ती और प्रीमियम फ़ील देती है। इसका माइलेज मध्यम वर्ग के बजट में फिट बैठता है और मारुति की सर्विस नेटवर्क ने इसे और ज़्यादा भरोसेमंद बना दिया।
अब दुनिया इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों की ओर बढ़ रही है, तो स्विफ्ट भी इसमें पीछे नहीं है। कंपनी आने वाले समय में इसमें सीरीज़ हाइब्रिड पावरट्रेन शामिल करेगी। यह इंजन पहले नए डिजायर और फ्रॉन्क्स में दिखेगा और 2027 तक स्विफ्ट में भी आ जाएगा। इसमें 1.2 लीटर Z-सीरीज़ पेट्रोल इंजन होगा, जो हाइब्रिड तकनीक के साथ ज़्यादा पावरफुल और फ्यूल-एफ़िशिएंट बनेगा। स्विफ्ट नए रूप में ढल रही है, लेकिन भारत और स्विफ्ट का रिश्ता अब सिर्फ़ गाड़ी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह भावनाओं और यादों का हिस्सा बन चुका है।