ऑटोमोबाइल सेक्टर में, E20 फ्यूल को लेकर ग्राहकों के मन में उठ रहे सवालों पर Renault India ने चुप्पी तोड़ी है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि E10 प्रमाणित वाहनों में E20 फ्यूल का उपयोग सुरक्षित है या नहीं, इस पर ग्राहकों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। रेनॉ इंडिया ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि उनकी गाड़ियाँ, विशेष रूप से 2022 मॉडल ट्राइबर, उस समय के प्रचलित E10 फ्यूल मानकों के अनुसार टेस्ट और प्रमाणित की गई थीं।
कंपनी ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किए गए अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें कई फ्यूल ब्लेंड्स पर वाहनों की ड्यूरेबिलिटी टेस्टिंग की गई थी। इस अध्ययन में खास ध्यान इस बात पर था कि E10 प्रमाणित वाहनों में E20 फ्यूल का उपयोग करने पर क्या प्रभाव पड़ता है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा इस अध्ययन की ड्राफ्ट रिपोर्ट सभी वाहन निर्माताओं के साथ साझा की गई। रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा ऑन-रोड वाहनों पर E20 फ्यूल का कोई नकारात्मक असर नहीं देखा गया। इसका मतलब है कि E10 प्रमाणित गाड़ियाँ भी E20 फ्यूल के साथ बिना किसी समस्या के चल सकती हैं। रेनॉ का कहना है कि इस अध्ययन के आधार पर, उनकी गाड़ियों में E20 फ्यूल का उपयोग करने में किसी बड़े तकनीकी खतरे की आशंका नहीं है। कंपनी ने साफ किया कि उनके मॉडल, जो पहले E10 मानकों पर प्रमाणित किए गए थे, वे भी E20 फ्यूल पर बिना किसी बड़ी दिक्कत के चल सकते हैं। भारत सरकार 2025 तक देशभर में E20 इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल उपलब्ध कराने का लक्ष्य लेकर चल रही है। रेनॉ का यह कदम ग्राहकों की शंकाओं को दूर करता है और सरकार की ग्रीन फ्यूल पॉलिसी का समर्थन करता है।