बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, एनडीए अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रहा है, खासकर सीट वितरण के संबंध में। सूत्रों के अनुसार, गठबंधन ने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में जातिगत गतिशीलता का गहन अध्ययन किया है। यह विश्लेषण उम्मीदवारों के चयन का मार्गदर्शन करेगा, जिससे जाति प्रतिनिधित्व का सही मिश्रण सुनिश्चित होगा। वर्तमान फॉर्मूला मौजूदा सदस्यों द्वारा रखी गई सीटों को बनाए रखने का पक्षधर है, जिसमें सर्वेक्षणों में नकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने वाले विधायकों के लिए टिकट रद्द करने की संभावना है। दिल्ली में अंतिम निर्णय लेने से पहले बिहार में सीट आवंटन पर आगे चर्चा होगी।
चुनाव के उत्साह को बढ़ाते हुए, चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। उन्होंने उस सीट से चुनाव लड़ने का इरादा घोषित किया, जिसका निर्णय जनता द्वारा किया जाएगा। पासवान ने जोर देकर कहा कि उनकी उम्मीदवारी मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं है, बल्कि अपनी पार्टी के प्रदर्शन को मजबूत करने और एनडीए का समर्थन करने का एक तरीका है। उनकी इस कदम को भाजपा और जद(यू) के साथ सीट वितरण वार्ता के दौरान अपनी पार्टी को रणनीतिक रूप से स्थापित करने के रूप में देखा जाता है।