शाहरुख खान ने अपने करियर में कई यादगार किरदार निभाए हैं, कभी हीरो तो कभी विलेन के रूप में. उन्होंने महिला हॉकी खिलाड़ियों के कोच की भूमिका भी निभाई है. हाल ही में, अभिनेता अन्नू कपूर ने कबीर खान के किरदार पर सवाल उठाए. टीवी9 भारतवर्ष के एक कार्यक्रम में, उन्होंने कहा कि फिल्म में जानबूझकर इस किरदार को मुस्लिम दिखाया गया, जबकि यह मीर रंजन नेगी का किरदार था. इस पर अब सवाल उठ रहे हैं।
अन्नू कपूर ने कहा कि ‘चक दे इंडिया’ में मीर रंजन के किरदार को मुस्लिम बना दिया गया. उन्होंने कहा कि मीर रंजन नेगी का ही रोल क्यों नहीं दिखाया गया. उनका मानना था कि ऐसा जानबूझकर किया गया. इस पर हिंदू समाज ने भी सवाल उठाए हैं और इसे व्यावसायिकता से प्रेरित बताया है।
फिल्म में मीर रंजन नेगी के किरदार को लेकर सच्चाई यह है कि 2007 में आई ‘चक दे इंडिया’ में शाहरुख खान ने कबीर खान का किरदार निभाया था, जो मीर रंजन नेगी से प्रेरित था. फिल्म का निर्देशन शिमित अमीन ने किया था और जयदीप साहनी ने इसकी कहानी लिखी थी. जयदीप ने बताया कि उन्होंने यह कहानी पहले लिखी थी, बाद में उन्हें मीर रंजन नेगी के बारे में पता चला. मीर रंजन नेगी बाद में फिल्म के तकनीकी सलाहकार भी बने. खुद मीर रंजन नेगी ने भी कहा था कि यह उनकी जीवनी नहीं थी, बल्कि महिला हॉकी टीम पर केंद्रित एक काल्पनिक कहानी थी।
एक इंटरव्यू में, साहनी ने कहा, “हमारी स्क्रिप्ट डेढ़ साल पहले लिखी गई थी। यह महिला खिलाड़ियों पर आधारित फिल्म थी, जो बाद में नेगी से प्रेरित हो गई।” बाद में उन्होंने मीर रंजन नेगी से संपर्क किया और उन्हें टीम के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा। पहले नेगी फिल्म को लेकर उत्साहित नहीं थे, लेकिन कहानी सुनने के बाद वे मान गए।
मीर रंजन नेगी भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर थे. उन्होंने 2007 की फिल्म ‘चक दे इंडिया’ के निर्माण में सहयोग किया. वे अल्मोड़ा के रहने वाले हैं. 1982 के एशियाई खेलों में, भारत पाकिस्तान से 1-7 से हार गया था, जिसमें नेगी गोलकीपर थे. उन पर कई आरोप भी लगे थे और उन्हें देशद्रोही कहा गया था. शाहरुख की फिल्म में भी कुछ इसी तरह की कहानी दिखाई गई थी, लेकिन नेगी ने कहा कि यह उनकी जीवनी नहीं थी, बल्कि महिला खिलाड़ियों पर आधारित थी।