बॉलीवुड में कई ऐसी प्रेरणादायक कहानियां हैं जहां आम से खास बने सितारे अपनी मेहनत और लगन से फर्श से अर्श तक पहुंचे हैं। ऐसी ही एक अनूठी कहानी है चंडीगढ़ के एक मध्यमवर्गीय लड़के की, जिसने शुरुआती कठिनाइयों को अवसरों में बदला। कॉलेज के दिनों में, यह सितारा अपने दोस्तों के साथ मुंबई-दिल्ली वेस्टर्न एक्सप्रेस की हर बोगी में यात्रियों का मनोरंजन करके यात्रा के लिए पैसे कमाता था।
कठोर अनुशासन और बचपन
उसका बचपन एक सख्त पिता की छत्रछाया में बीता, जिनके अनुशासन के तरीके अक्सर शारीरिक दंड तक पहुँच जाते थे। ‘ऑनेस्टली स्पीकिंग’ पॉडकास्ट में उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया। घर की इन चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने कम उम्र से ही अपनी रचनात्मकता और लचीलेपन को पोषित किया।
प्यार और शादी
सोलह साल की उम्र में, उन्हें अपनी सहपाठी से प्यार हो गया। प्रसिद्धि ने कुछ समय के लिए उन्हें अलग किया, लेकिन वे फिर से मिले और 2008 में शादी कर ली। उनका यह रिश्ता एक दशक से भी अधिक समय से कायम है, जो बॉलीवुड में एक दुर्लभ मिसाल है।
फिल्मों में एंट्री का संघर्ष
बॉलीवुड में उनकी एंट्री आसान नहीं थी। बड़े फिल्म निर्माताओं से मिलने के शुरुआती प्रयास बार-बार विफल हुए, और उनके लिए दरवाजे अक्सर बंद कर दिए जाते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार एक ऐसी फिल्म से डेब्यू किया जिसने अपने बोल्ड विषय और ताज़गी भरे अंदाज़ से सबका ध्यान खींचा। अभिनय के अलावा, इस अभिनेता ने ‘पानी दा रंग’, ‘सद्दी गली’, और ‘नयना दा क्या कसूर’ जैसे लोकप्रिय गानों से एक गायक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। उनकी गायकी प्रतिभा ने उनके ऑन-स्क्रीन प्रदर्शन को और निखारा है, जिससे उन्हें इंडस्ट्री में एक अनोखी बढ़त मिली है।
बॉक्स ऑफिस पर सफलता और कंटेंट-ड्रिवन सिनेमा
शुरुआती संघर्षों के बावजूद, वह अब बॉक्स ऑफिस पर एक भरोसेमंद कलाकार बन गए हैं, जो मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक टिप्पणी वाली फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। उनके नाम कई 100 करोड़ की फिल्में हैं और वह मुख्यधारा के सिनेमा की रूढ़ियों को चुनौती देना जारी रखे हुए हैं। दो साल के अंतराल के बाद, वह ‘डॉक्टर जी’ के साथ बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं, जो एक हॉरर-कॉमेडी फ्रेंचाइजी की नवीनतम कड़ी है और देश भर के दर्शकों को पसंद आई है।
यह प्रेरणादायक सफर आयुष्मान खुराना का है, जो चंडीगढ़ के अभिनेता और गायक हैं।







