
बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र, जिनका 89 वर्ष की आयु में 24 नवंबर को निधन हो गया, ने लाखों दिलों पर राज किया। पंजाब के रहने वाले धर्मेंद्र का राजस्थान के बीकानेर से एक अनोखा जुड़ाव रहा है, जो अक्सर लोगों की नज़रों से दूर रहा।
धर्मेंद्र ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत बीकानेर, राजस्थान से की थी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद के रूप में बीकानेर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान, उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को भारी अंतर से हराया। हालांकि, इसके बाद अभिनेता ने राजनीति से दूरी बना ली और फिर कभी चुनाव नहीं लड़ा।
**2004 में बने सांसद**
धर्मेंद्र ने 2004 में राजस्थान की बीकानेर सीट से राजनीति में कदम रखा। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए, उन्होंने कांग्रेस के रमेशवर लाल डूडी को मात दी। यह मुकाबला काफी कड़ा था, जिसमें धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल और बॉबी देओल ने भी उनके लिए बीकानेर में प्रचार किया था। इस समर्थन का परिणाम यह हुआ कि धर्मेंद्र ने अपने पहले ही चुनाव में 57,000 वोटों से जीत हासिल की।
सांसद बनने के बाद भी धर्मेंद्र का राजनीतिक सफर आसान नहीं रहा। चुनाव जीतने के एक साल के भीतर ही बीकानेर में उनके ‘लापता’ होने के पोस्टर लगे थे। इसका कारण था निर्वाचन क्षेत्र से उनकी दूरी। कहा जाता है कि चुनाव जीतने के बाद अभिनेता ने एक साल तक बीकानेर का दौरा नहीं किया, जिससे नाराज लोगों ने शहर में उनके लापता होने के पोस्टर लगा दिए।
**जब धर्मेंद्र ने सुरसागर का जीर्णोद्धार करवाया**
इस घटना के कुछ दिनों बाद, धर्मेंद्र बीकानेर पहुंचे और बिना सुरक्षा के सर्किट हाउस में रुककर लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने बीकानेर के प्रसिद्ध सुरसागर झील के जीर्णोद्धार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सुरसागर के जीर्णोद्धार के लिए बात की और जब बजट कम पड़ा तो उन्होंने केंद्र सरकार से मदद मांगी। हालांकि, सुरसागर के जीर्णोद्धार का पूरा श्रेय वसुंधरा राजे को मिला और जनता का गुस्सा धर्मेंद्र के प्रति बना रहा।
**राजनीति से धर्मेंद्र का निकास**
राजनीति धर्मेंद्र को रास नहीं आई और पांच साल तक सांसद रहने के बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। 2009 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा और हमेशा के लिए मुंबई लौट गए। धर्मेंद्र की पत्नी, हेमा मालिनी, मथुरा, उत्तर प्रदेश से सांसद हैं। उनके बेटे, सनी देओल भी पंजाब के गुरदासपुर से सांसद रह चुके हैं।
बीकानेर से सांसद बनने के बाद, धर्मेंद्र ने कभी भी राजनीतिक अखाड़े में कदम नहीं रखा। अपने कारणों को बताते हुए, दिवंगत अभिनेता ने कहा था कि यह उनके लिए सही जगह नहीं थी।




