महान फिल्मकार ऋषिकेश मुखर्जी ने 1979 में ‘गोलमाल’ जैसी हास्य फिल्म बनाई, जो आज भी प्रासंगिक है। हालांकि, उनकी फिल्मों का सार ‘गोलमाल’ से कहीं अधिक गहरा था। मुखर्जी ने हमेशा सादगी को महत्व दिया, बड़े सितारों के साथ काम किया, लेकिन कहानी को सर्वोपरि रखा।
उनकी फिल्मों में, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार्स ने अभिनय किया, लेकिन स्टारडम स्क्रिप्ट की मांग के अनुसार ही था। 1971 की फिल्म ‘आनंद’ में, राजेश खन्ना के सुपरस्टारडम के बावजूद, अमिताभ बच्चन को महत्वपूर्ण भूमिका दी गई, जो निर्देशक के साहस को दर्शाता है।
मुखर्जी ने जया बच्चन, धर्मेंद्र, देवेन वर्मा, अमोल पालेकर और राजेश खन्ना जैसे कलाकारों को अवसर दिया। उन्होंने अमिताभ बच्चन को ‘गुड्डी’ में लॉन्च किया। वह अक्सर कहते थे कि उनकी फिल्में बंबइया चकाचौंध से दूर थीं, फिर भी लोकप्रिय रहीं।
ऋषिकेश मुखर्जी ने बिमल रॉय के साथ काम किया और सिनेमा की बारीकियां सीखीं। उन्होंने सामाजिक मुद्दों को मध्यवर्गीय परिवारों की कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने धर्मेंद्र के साथ ‘अनुपमा’ और ‘सत्यकाम’ जैसी कालजयी फिल्में बनाईं।
ऋषिकेश मुखर्जी की विरासत अद्वितीय है, जिसने सिनेमा में कलात्मकता और सामाजिक सरोकारों को महत्व दिया।