पंजाबी सिनेमा के लोकप्रिय हास्य कलाकार जसविंदर भल्ला का 65 वर्ष की आयु में 22 अगस्त को निधन हो गया। उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने सुबह अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार 23 अगस्त को दोपहर 12 बजे मोहाली के बलौंगी श्मशान घाट में किया जाएगा।
उन्होंने अपने अनोखे कॉमिक टाइमिंग और यादगार किरदारों से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई। फिल्मों में आने से पहले, उन्होंने 1980 और 1990 के दशक में स्टेज शो और कॉमेडी एल्बम के माध्यम से अपनी पहचान बनाई।
जसविंदर भल्ला पंजाबी सिनेमा में अपनी कॉमिक भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध थे, जो उनके लगभग तीस साल के करियर का एक प्रमुख हिस्सा थीं। उन्होंने ‘दुल्हा भट्टी’ जैसी लोकप्रिय कॉमेडी फिल्मों से अभिनय की दुनिया में कदम रखा और जaspal Bhatti की हिंदी कॉमेडी ‘माहौल ठीक है’ (1999) में भी अभिनय किया।
समय के साथ, वह ‘जट्ट एंड जूलियट’, ‘सरदारजी’ और ‘कैरी ऑन जट्टा’ जैसी सुपरहिट पंजाबी फिल्मों में दिखाई दिए। ‘कैरी ऑन जट्टा’ फ्रैंचाइज़ी में उनके ‘एडवोकेट ढिल्लों’ के चित्रण ने उन्हें सभी उम्र के दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
उन्होंने अपने किरदारों को विशेष बनाने के लिए अलग-अलग संवादों और कैचफ्रेज़ का इस्तेमाल किया, जिससे उनके छोटे से छोटे किरदार भी दर्शकों के दिमाग में बस गए।
जसविंदर भल्ला की शादी चंडीगढ़ में ललित कला की शिक्षिका परमदीप से हुई थी। उनके बेटे, पुखराज भल्ला भी एक अभिनेता हैं। शुरुआत में एक इंजीनियर, पुखराज ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए पहले 2000 के दशक में संगीत वीडियो में काम किया, और बाद में कुछ फिल्मों में दिखाई दिए। पिता और पुत्र दोनों ने 2013 की फिल्म ‘स्टुपिड 7’ में एक साथ काम किया।
उनकी सहायक कॉमिक भूमिकाओं की विशेषता यह थी कि उन्होंने हर कहानी में हंसी और बुद्धि का तड़का लगाया। जसविंदर भल्ला ने न केवल अपने हास्य और दिल छू लेने वाले अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि पंजाबी सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर भी पहुंचाया। एक हास्य कलाकार और अभिनेता के रूप में उनकी यादें और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।