नागपुर में ‘झुंड’ फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ नजर आए अभिनेता प्रियांशु छेत्री, जिन्हें बाबू रवि सिंह छेत्री के नाम से भी जाना जाता है, की बुधवार को बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना एक चौंकाने वाला खुलासा है, जिसने फिल्म इंडस्ट्री और फैंस को गहरा सदमा पहुंचाया है।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान ध्रुव लाल बहादुर साहू के रूप में हुई है, जिसे इस जघन्य अपराध के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि प्रियांशु छेत्री और ध्रुव साहू के बीच शराब के नशे में झगड़ा हुआ था, जिसके बाद यह खूनी वारदात को अंजाम दिया गया।
यह दुखद घटना नागपुर के जरिपटका इलाके में बुधवार तड़के हुई। खबरों के अनुसार, प्रियांशु और ध्रुव अक्सर साथ में शराब पीते थे। मंगलवार रात, दोनों जरिपटका के एक सुनसान इलाके में शराब पीने गए थे। शराब के सेवन के दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। कहासुनी इतनी बढ़ गई कि प्रियांशु ने कथित तौर पर ध्रुव को धमकी दी, जिसके बाद प्रियांशु वहीं सो गया। इसी बीच, ध्रुव ने मौका पाकर तारों से प्रियांशु को बांध दिया और धारदार हथियार से उस पर जानलेवा हमला कर दिया।
सूचना मिलते ही जरिपटका पुलिस स्टेशन की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, वारदात के करीब छह घंटे के भीतर ही आरोपी ध्रुव लाल बहादुर साहू को गिरफ्तार कर लिया। यह भी पता चला है कि ध्रुव साहू के खिलाफ पहले से भी कुछ आपराधिक मामले दर्ज थे।
नागपुर पुलिस ने बताया कि प्रियांशु छेत्री का भी आपराधिक इतिहास रहा है। 2022 में, उसे 5 लाख रुपये के गहने और नकदी चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हाल के दिनों में, प्रियांशु और ध्रुव के बीच पैसों को लेकर विवाद चल रहा था। हालांकि, इससे पहले भी उनके बीच झगड़े हुए थे, जिन्हें उनके दोस्तों ने सुलझा दिया था।
‘झुंड’ फिल्म, जिसका निर्देशन नागराज मंजुले ने किया था, विजय बरसे की प्रेरणादायक कहानी पर आधारित है। उन्होंने नागपुर के झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को फुटबॉल सिखाकर उन्हें एक नया जीवन और पहचान दी थी। इस फिल्म में प्रियांशु छेत्री सहित कई युवा कलाकारों ने काम किया था, जिन्होंने बाबू छेत्री नामक एक फुटबॉलर का किरदार निभाया था। नागपुर के रेलवे ट्रैक के पास पले-बढ़े प्रियांशु का बैकग्राउंड काफी साधारण था। उसके पिता दिहाड़ी मजदूर थे और वह चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था। समय के साथ, वह कथित तौर पर नशीली दवाओं का आदी हो गया था, जिसने उसे ट्रेनों से कोयला चोरी जैसे छोटे-मोटे अपराधों की ओर धकेला।