संदीप रेड्डी वांगा की आगामी फिल्म ‘स्पिरिट’ अपने दमदार कलाकारों के चलते चर्चा में है। इस फिल्म में साउथ के सुपरस्टार प्रभास के साथ-साथ वेटरन अभिनेत्री कांचना भी नजर आएंगी। 86 वर्षीय कांचना, जो पहले ‘अर्जुन रेड्डी’ में अर्जुन की दादी का किरदार निभा चुकी हैं, एक बार फिर बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं।
कांचना, जिनका असली नाम वसुंधरा देवी है, ने 1960-70 के दशक में तेलुगु सिनेमा में अपनी बोल्ड और यादगार परफॉरमेंस से एक अलग पहचान बनाई थी। उन्होंने लीक से हटकर किरदारों को चुना और उन्हें गहराई दी, जिससे वे उस दौर की आधुनिक तेलुगु नायिकाओं की छवि को बदलने में सफल रहीं।
एक एयर होस्टेस से सिल्वर स्क्रीन तक का सफर:
कांचना ने अपने शुरुआती दिनों में एयर होस्टेस के तौर पर काम किया। निर्देशक सी.वी. श्रीधर ने एक विमान यात्रा के दौरान उन्हें देखा और अपनी 1964 की तमिल फिल्म ‘कादलिकका नरामिल्लाई’ में मौका दिया। यह फिल्म उनके करियर के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हुई।
तेलुगु सिनेमा में सफलता:
अपने लंबे फिल्मी करियर में कांचना ने कई हिट फिल्में दीं। ‘प्रीमिंची चूडू’, ‘अलख निरंजन’, ‘कादलिकका नरामिल्लाई’, ‘देवता मनुष्य’, ‘रथ सप्तमी’, ‘बिडुगडेया बेदी’, ‘प्रचंडा कुल्ला’, ‘कासिद्रे कैलासा’ और ‘वीरअभिमंयु’ जैसी फिल्मों ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया।
पुरुष-प्रधान फिल्मों में यादगार भूमिकाएं:
उस दौर की दक्षिण भारतीय सिनेमा में पुरुष-प्रधान स्क्रिप्ट का बोलबाला था। ऐसी कई फिल्मों में कांचना ने अपनी दमदार अदाकारी से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। 1965 में आई ‘वीरअभिमंयु’ में उन्होंने उत्तरा का किरदार निभाया था। ‘आवे कल्लू’, ‘नेनंटे नेने’, ‘धर्म दाता’ जैसी फिल्मों में भी उनके अभिनय की खूब तारीफ हुई।
‘स्पिरिट’ में क्या होगा खास?
हालांकि ‘स्पिरिट’ में कांचना के किरदार का खुलासा अभी नहीं हुआ है, लेकिन उनके चयन से फैंस काफी उत्साहित हैं। ‘अर्जुन रेड्डी’ में उनके छोटे पर अहम रोल ने दर्शकों का ध्यान खींचा था। अब ‘स्पिरिट’ में उन्हें फिर से बड़े पर्दे पर देखने का इंतजार है।




