ओडिशा के लोकप्रिय गायक ह्यूमने सागर का 36 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। सोमवार शाम को एम्स भुवनेश्वर में उन्होंने अंतिम सांस ली। सागर कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था। एम्स भुवनेश्वर की ओर से जारी बयान में बताया गया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा हर संभव प्रयास के बावजूद, सागर ने सोमवार रात 9:08 बजे उपचार का जवाब नहीं दिया और उनका निधन हो गया।

उनकी मृत्यु का कारण बाइलेटरल निमोनिया, एक्यूट ऑन क्रॉनिक लिवर फेलियर (ACLF), डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी विद सीवियर एलवी सिस्टोलिक डिसफंक्शन, एमओडीएस (मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम) रिफ्रैक्टरी शॉक, सीवियर रेस्पिरेटरी फेलियर, एन्यूरिक एक्यूट किडनी इंजरी, एन्सेफैलोपैथी, हेपेटोपैथी, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और सीकोएगुलोपैथी बताया गया है।
ह्यूमने सागर ने ओड़िया संगीत में 100 से अधिक गाने गाए थे और उनकी आवाज ने लाखों श्रोताओं के दिलों को छुआ था। उनके आकस्मिक निधन से संगीत और फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
**श्रद्धांजलि अर्पित:**
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ह्यूमने सागर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ओड़िया गायक का जाना राज्य के संगीत और फिल्म उद्योग के लिए एक ‘अपूरणीय क्षति’ है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
राज्यपाल बाबू कम्भमपति ने भी सागर को श्रद्धांजलि दी और कहा कि ओड़िया संगीत और फिल्म जगत में उनका योगदान हमेशा यादगार रहेगा। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी लोकप्रिय ओड़िया गायक के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “उनकी आवाज का जादू ओड़िया श्रोताओं के दिलों में हमेशा अमर रहेगा।” पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी सागर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनके ‘भावपूर्ण संगीत ने अनगिनत श्रोताओं के दिलों को छुआ’ है और ओड़िया संगीत में उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।





