मशहूर गायक शान के पहले गाने की कहानी। दिल्ली में शुरू हुए टीवी9 फेस्टिवल ऑफ इंडिया में शान 1 अक्टूबर को अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगे। शान के गानों को हर कोई पसंद करता है। क्या आप जानते हैं कि शान ने बहुत कम उम्र से ही बॉलीवुड में गाना शुरू कर दिया था? 30 सितंबर 1972 को मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे शांतनु मुखर्जी, जो शान के नाम से जाने जाते हैं, ने हिंदी के अलावा बंगाली, कन्नड़, तेलुगू, तमिल और उर्दू भाषाओं में भी गाने गाए हैं। उन्होंने हजारों गाने गाए हैं, जिनमें फिल्मों के अलावा एल्बम सॉन्ग्स भी शामिल हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि शान ने किस उम्र में पहला गाना और किस फिल्म के लिए गाया था? आइए जानते हैं।
शान ने 12 साल की उम्र से विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाना शुरू कर दिया था। विधु विनोद चोपड़ा अपनी फिल्म ‘परिंदा’ के एक गाने के लिए शान जैसी ही आवाज ढूंढ रहे थे और शान को विज्ञापन के माध्यम से खोजा। फिल्म ‘परिंदा’, जो 1989 में रिलीज हुई थी, उसमें कुछ बाल कलाकारों पर एक गाना ‘कितनी है प्यारी प्यारी दोस्ती हमारी’ था, जिसे सुरेश वाडकर, शैलेंद्र सिंह और सागरिका जैसे गायकों ने गाया था और इसमें शान ने भी अपनी आवाज दी थी।
हालांकि, यह गाना खास लोकप्रिय नहीं हुआ। इस गाने को 1988 में रिकॉर्ड किया गया था, जब शान लगभग 15 साल के थे। 1999 में, फिल्म ‘प्यार में कभी कभी’ आई, जिसका गाना ‘मुसु मुसु हासी दिल मलाई लाई’ शान ने गाया और इस गाने से उन्हें पहचान मिली। 2000 में शान का एक म्यूजिक एल्बम ‘तन्हा दिल’ आया, जिसके गाने सुपरहिट हुए और इंडस्ट्री को नया प्लेबैक सिंगर शान के रूप में मिला।
शान के कुछ लोकप्रिय गाने हैं: ‘चांद सिफारिश’, ‘जब से तेरे नैना’, ‘हे शोना’, ‘माई दिल गोज हम्म्म’, ‘व्हेयर्स द पार्टी टूनाइट’, ‘चार कदम’, ‘कुछ तो हुआ है’, ‘तूने मुझे पहचाना नहीं’, ‘ये लड़की क्यों’, ‘बहती हवा सा था वो’, ‘कोई नहीं है कमरे में’, ‘कोई कहे कहता रहे कितना भी हमको दीवाना’, ‘इट्स टाइम टू डिस्को’ और ‘पार्टनर टाइटल ट्रैक’।