क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड के किंग खान, शाहरुख खान ने अपने खास दोस्त करण जौहर के लिए दो फिल्में पूरी तरह मुफ्त में साइन की थीं? जी हां, यह सच है! और इन दोनों ही फिल्मों में लीड रोल में रणबीर कपूर थे। यह बात तब सामने आई जब शाहरुख खान की जीवनी में इसका खुलासा हुआ।
शाहरुख खान अपनी दरियादिली और काम के प्रति जुनून के लिए जाने जाते हैं। उन्हें सिर्फ पैसों के लिए फिल्म साइन करने वाले कलाकारों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। लेकिन, एक ऐसी कहानी है जो उनके इस पहलू को और भी उजागर करती है।
**करण जौहर की दो फिल्मों के लिए शाहरुख ने नहीं लिया एक रुपया भी!**
मोहतर बसु द्वारा लिखी गई शाहरुख खान की जीवनी ‘किंग खान’ में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। लेखक ने बताया कि शाहरुख खान ने अपने जिगरी दोस्त करण जौहर के लिए दो फिल्में बिना किसी फीस के साइन की थीं। इन दोनों फिल्मों की एक और खास बात यह थी कि इनमें रणबीर कपूर मुख्य भूमिका में थे।
अगर आप अभी भी अंदाजा नहीं लगा पाए हैं, तो हम बता दें कि ये फिल्में हैं 2022 की ब्लॉकबस्टर ‘ब्रह्मास्त्र’ और 2016 की रोमांटिक ड्रामा ‘ऐ दिल है मुश्किल’। ‘ब्रह्मास्त्र’ के लिए शाहरुख ने लगभग 14 दिन की शूटिंग की और इसके लिए उन्होंने एक पैसा भी नहीं लिया। वहीं, ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में उनका छोटा सा कैमियो आज भी दर्शकों को याद है, खासकर उनके बोले गए डायलॉग्स, जो उनके करियर के सबसे बेहतरीन संवादों में से एक माने जाते हैं।
**’ऐ दिल है मुश्किल’ का यादगार डायलॉग:**
“एक तरफा प्यार की ताकत ही कुछ और होती है.. वो रिश्तों की तरह दो लोगों में नहीं बंटी. सिर्फ मेरा हक़ है इसपे, सिर्फ मेरा! मुझे सबा से बेइंतहा मोहब्बत करने के लिए सबा की ही ज़रूरत नहीं. हो सकता है इससे कोई बेहतर इश्क. अगर बाज़ी इश्क की बाज़ी है तो जो चाहे लगा लो.. डर कैसा.. अगर जीत गए तो क्या कहने और अगर हार भी गए तो बाज़ी हार नहीं!”
**पैसों के साथ शाहरुख का रिश्ता**
जीवनी में आगे शाहरुख खान के पैसों के साथ रिश्ते पर भी प्रकाश डाला गया है। लेखक लिखते हैं, ‘अपने शुरुआती सालों में पैसों के साथ एक मुश्किल समीकरण रखने वाले के लिए, पैसा और शुरुआती सफलताएं महत्वपूर्ण थीं। भले ही उन्होंने अपने जुनून को हावी होने दिया और ‘कभी हाँ कभी ना’ जैसी फिल्मों को पूरा करने के लिए अपना पैसा लगाया, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के बाद उन्होंने इतनी कमाई की जितनी उन्होंने कभी सोची भी नहीं थी। और उन्होंने इसका भरपूर फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी पैसे ने अंततः उन्हें अपने सपनों का घर ‘मन्नत’ खरीदने में मदद की।’
यह कहानी शाहरुख खान के व्यावसायिकता से परे दोस्ती और सिनेमा के प्रति उनके गहरे समर्पण को दर्शाती है।






