सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी (SSKTK) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म का शीर्षक सुनकर लगा था कि करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की यह फिल्म एक घिसी-पिटी कहानी होगी, लेकिन ऐसा नहीं है! वरुण धवन और जान्हवी कपूर की यह फिल्म पूरी तरह से फेस्टिव माहौल सेट करती है, जिसमें रंग, शोर, हंसी-मजाक और दिल को छू लेने वाली बातें हैं।
यह फिल्म अक्षय कुमार की हाउसफुल की तरह नहीं है, जिसे दिमाग को साइड में रखकर देखा जा सके, बल्कि यह आपको हंसाती है और कुछ दृश्यों से आपकी आंखें नम भी हो जाती हैं। कुल मिलाकर, आप एक प्यारी सी मुस्कान के साथ थिएटर से बाहर आते हैं। वरुण और जान्हवी की यह फिल्म ड्रामा-कॉमेडी का बेहतरीन मिश्रण है। कहानी में रोमांस, कॉमेडी और ड्रामा का शानदार मिश्रण है, जो हर उम्र के दर्शकों को पसंद आएगा।
कहानी सनी (वरुण धवन) से शुरू होती है, जो एक संस्कारी परिवार से है, लेकिन दिल के मामले में वह फिल्मी है। सनी अपनी बचपन की दोस्त अनन्या (सान्या मल्होत्रा) से प्यार करता है। लेकिन कहानी में एक मोड़ आता है। अनन्या, विक्रम (रोहित सराफ) से शादी करने का फैसला करती है, जो अनन्या के माता-पिता की पसंद है। विक्रम एक सीधा-साधा, अमीर और सही पसंद वाला लड़का है।
अनन्या के इस फैसले से सनी का दिल टूट जाता है, लेकिन वह हार नहीं मानता। वह तुलसी (जान्हवी कपूर) को ढूंढता है, जो विक्रम की पूर्व प्रेमिका है और जिसके दिल में अभी भी विक्रम के लिए थोड़ा प्यार है। दोनों मिलकर अपने प्यार को पाने का प्लान बनाते हैं। क्या सनी अपने प्यार को हासिल कर पाएगा? या किस्मत उसे किसी और रास्ते पर ले जाएगी? फिल्म देखने के बाद ही इसका पता चल पाएगा, लेकिन यह निश्चित है कि यह सनी और तुलसी की रोलर-कोस्टर राइड आपको बोर नहीं होने देगी।
फिल्म का स्क्रीनप्ले इसकी सबसे बड़ी ताकत है, जो कहानी को तेज़ गति से आगे बढ़ाता है। फिल्म में हंसी-मजाक फूहड़ या चीप नहीं है, बल्कि फैमिली-फ्रेंडली है। वरुण धवन की कॉमिक टाइमिंग लाजवाब है। दूसरे हाफ में कहानी थोड़ी प्रेडिक्टेबल हो जाती है, लेकिन फिल्म का प्री-क्लाइमेक्स और क्लाइमेक्स सारी शिकायतों को दूर कर देता है।
यह फिल्म मॉडर्न रिश्तों, पारिवारिक मूल्यों और महिलाओं की स्वतंत्रता जैसे विषयों पर बात करती है। बॉलीवुड प्रेमियों के लिए, इसमें कई नॉस्टैल्जिया हैं, जिसमें बाहुबली से लेकर कभी खुशी कभी गम और शाहरुख खान से सलमान खान तक के मजेदार रेफरेंस दिए गए हैं।
निर्देशक शशांक खेतान ने साबित कर दिया है कि उन्हें हिट पारिवारिक मनोरंजन फिल्में बनाने का फॉर्मूला पता है। मनुष नंदन की सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग शानदार है, जो फिल्म की गति को बनाए रखती है।
वरुण धवन इस फिल्म के साथ अपने पुराने फॉर्म में वापस आ गए हैं! जान्हवी कपूर को अपने करियर का सबसे मजेदार किरदार मिला है। रोहित सराफ ने शांत और समझदार विक्रम का किरदार खूबसूरती से निभाया है। सान्या मल्होत्रा ने भी अपने किरदार को न्याय दिया है। मनीष पॉल हंसा-हंसाकर लोटपोट कर देते हैं।
कुल मिलाकर, सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी एक फेस्टिव धमाका है! यदि आप परिवार के साथ एक अच्छी फिल्म देखने की योजना बना रहे हैं, तो टिकट बुक करें। वरुण-जान्हवी की केमिस्ट्री और मनीष पॉल की कॉमेडी के लिए यह फिल्म जरूर देखें।