YRF ने ‘वॉर 2’ के लिए बड़े वादे किए थे, लेकिन कहानी में कुछ कमी रह गई। फिल्म में कई बड़े चेहरे थे, पर कुछ खास असर नहीं दिखा। रिलीज के 7 दिन बाद भी फिल्म 200 करोड़ का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। जबकि बजट 400 करोड़ का है, ऐसे में कुछ खास करने की जरूरत है। इस बार YRF के सबसे मजबूत खिलाड़ी अनिल कपूर की एंट्री हुई, जो आगे भी इस यूनिवर्स की फिल्मों में दिखेंगे। हालांकि, ‘एनिमल’ के पिता ने पूरी कोशिश की, लेकिन वैसा जादू नहीं चला, जैसी उम्मीद थी।
‘वॉर 2’ से आशुतोष राणा को हटाकर अनिल कपूर को रॉ चीफ के तौर पर लाया गया। अनिल कपूर की एक्टिंग पर कोई सवाल नहीं है, और वो आगे की फिल्मों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं। लेकिन क्या YRF ने उनके साथ न्याय किया? उनके इर्द-गिर्द एक कहानी बनाने की कोशिश की गई, जिसने उनके किरदार को हल्का कर दिया।
अनिल कपूर के किरदार को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सपोर्टिंग रोल के लिए कोई खास तैयारी नहीं की गई थी। अगर अयान मुखर्जी चाहते तो अनिल कपूर के किरदार को एक दमदार एंगल दे सकते थे। हालांकि, आखिर में उन्होंने अच्छा कमबैक किया, लेकिन उनका एक्शन भी पुराना था, जो उनके किरदार को उभार नहीं पाया।
अनिल कपूर ‘वॉर 2’ में रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ से मिलते-जुलते अंदाज में दिखे। लेकिन मेकर्स ने इस सीन के लिए कुछ नया नहीं सोचा, जिससे सीन का असर कम हो गया।
1. अनिल कपूर को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के तौर पर जोड़ा गया, लेकिन उनकी एंट्री दमदार नहीं थी, जो एक अलग कहानी बना सके।
2. उन्हें एक हेड के तौर पर दिखाया गया है, जिसे कबीर, टाइगर और पठान को सुनना होगा। लेकिन उनके किरदार को सपोर्टिंग रोल तक सीमित रखा गया।
3. जिस तरह से अनिल कपूर को फिल्म में पेश किया गया, वह दर्शकों को पसंद नहीं आया। अगर उनके किरदार को आगे की फिल्मों में मजबूत नहीं किया गया, तो उन्हें नुकसान हो सकता है।