सुमित अवस्थी की पुस्तक ‘अधूरा: केजरीवाल युग का अंत?’ अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक सफर पर एक अंतर्दृष्टिपूर्ण नज़र डालती है। यह किताब इनविंसिबल पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित की गई है और आप पार्टी के उदय और चुनौतियों पर संतुलित और आलोचनात्मक दृष्टिकोण पेश करती है। अवस्थी ने केजरीवाल के साफ प्रशासन, मुफ्त सुविधाओं और मोहल्ला क्लीनिक जैसी पहलों के वादों को उजागर किया है। पुस्तक में भ्रष्टाचार के आरोपों और नीतिगत घोटालों सहित विवादों पर भी प्रकाश डाला गया है, जिन्होंने पार्टी की छवि को प्रभावित किया है। अवस्थी की पत्रकारिता का अनुभव पुस्तक के गहन विश्लेषण में दिखता है। यह पुस्तक एक व्यापक पाठक वर्ग के लिए जटिल राजनीतिक मुद्दों को समझने में आसान बनाती है। यद्यपि पुस्तक अच्छी तरह से शोधित है, कुछ लोगों को लग सकता है कि यह केजरीवाल और उनके करीबी सहयोगियों की व्यक्तिगत प्रेरणाओं में अधिक गहराई से जा सकती थी। कुल मिलाकर, यह भारतीय राजनीति, मीडिया या शासन में रुचि रखने वालों के लिए एक मूल्यवान अध्ययन है।
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अधूरा: केजरीवाल युग का अंत? – एक समीक्षा
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