केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों को अगले छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया है। नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखाम पुलिस थाना क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया है, जो असम की सीमा से लगे हैं।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, यह घोषणा सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा 3 के तहत की गई है। यह आदेश 1 अक्टूबर 2025 से छह महीने तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि इसे पहले वापस न लिया जाए। यह कदम क्षेत्र की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद उठाया गया है।
मणिपुर में भी, कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, कुछ पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर, राज्य के बाकी हिस्सों में AFSPA की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी गई है। नगालैंड के नौ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 पुलिस थाना क्षेत्रों में भी AFSPA की अवधि बढ़ाई गई है।
AFSPA अशांत क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने के अधिकार देता है। इसकी अक्सर आलोचना की जाती है। मणिपुर में मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समुदाय के बीच जारी जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं।