इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश (यूपी) के 558 मदरसों में चल रही जांच पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मदरसों को अंतरिम राहत देते हुए आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगा दी है। ये इस्लामी धार्मिक शिक्षण संस्थान सरकारी और अनुदान प्राप्त हैं। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर, राज्य के 558 सरकारी मदरसों की जांच करने का आदेश आर्थिक अपराध शाखा को दिया गया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए 558 अनुदानित मदरसों के खिलाफ चल रही ईओडब्ल्यू की जांच पर रोक लगा दी।
याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28 फरवरी 2025, 23 अप्रैल 2025 और 11 जून 2025 के आदेशों को चुनौती दी थी। इन आदेशों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आपराधिक जांच शाखा को जांच करने का निर्देश दिया था। याचिका में आयोग के इस आदेश को रद्द करने की मांग की गई है।
कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को चार हफ़्ते के अंदर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले को 17 नवंबर 2025 को उपयुक्त बेंच के सामने लिस्ट करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि अगले आदेश तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सरकार के आदेश के प्रभाव और संचालन पर रोक रहेगी। जस्टिस सरल श्रीवास्तव और जस्टिस अमिताभ कुमार राय की डबल बेंच ने वाराणसी के टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया और अन्य दो की याचिका पर यह आदेश दिया।