इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। राहुल गांधी ने वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था। जस्टिस समीर जैन ने राहुल गांधी की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा और कहा कि फैसला सुनाए जाने तक विशेष जज (एमपी-एमएलए कोर्ट) के आदेश पर रोक रहेगी। यह मामला अमेरिका में सिखों को लेकर पिछले साल 2024 में दिए गए एक बयान से जुड़ा है। वाराणसी के नागेश्वर मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
नागेश्वर मिश्रा ने कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके बाद अदालत ने इस मामले में नए सिरे से सुनवाई का निर्देश दिया। मामला पिछले साल सितंबर का है, जब राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों के लिए अच्छा माहौल नहीं है। नागेश्वर मिश्रा ने राहुल गांधी के खिलाफ वाराणसी के सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में आवेदन दाखिल किया, जिसे खारिज कर दिया गया। नागेश्वर मिश्रा ने इसके बाद सेशन कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका लगाई, जिसे स्वीकार कर लिया गया। राहुल गांधी ने इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।