समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दो पैन कार्ड मामले में दोषी करार देते हुए सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई है। यह फैसला सोमवार को सुनाया गया, जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है।

यह मामला भाजपा नेता आकाश सक्सेना द्वारा दिसंबर 2019 में रामपुर के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया था। सक्सेना ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आजम खान और अब्दुल्ला आजम ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके दो अलग-अलग पैन कार्ड बनवाए थे, जिनमें जन्मतिथि भी भिन्न थी। आरोप है कि इन पैन कार्डों का इस्तेमाल बैंकिंग लेनदेन और आयकर संबंधी जानकारी के लिए किया जा रहा था।
यह सजा आजम खान के लिए एक बड़ा झटका है, जो हाल ही में करीब 23 महीने जेल में बिताने के बाद सितंबर में ही जमानत पर रिहा हुए थे। उनके खिलाफ 100 से अधिक मामले चल रहे हैं। हाल ही में, उन्हें सरकारी लेटरहेड और सील के दुरुपयोग के एक मामले में बरी भी कर दिया गया था, जिसमें उन्होंने भाजपा और आरएसएस के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। वह मामला 2014 का था, जब आजम खान उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री थे, लेकिन लखनऊ की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था।
जेल से बाहर आने के बाद से आजम खान राज्य की राजनीति में सक्रिय रहने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी और अपने रिश्तों को पारिवारिक बताया था। इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और कानून व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त बताया। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में ‘लॉ’ गायब है और सिर्फ ‘ऑर्डर’ चल रहा है।






