एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी अमोल गायकवाड़ से मुंबई क्राइम ब्रांच की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। गायकवाड़ ने पुलिस को बताया कि वह इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड शुभम लोनकर से लगातार ‘डब्बा कॉलिंग’ के जरिए संपर्क में था। दोनों के बीच बातचीत के लिए सिग्नल जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप का भी इस्तेमाल किया जाता था।
‘डब्बा कॉलिंग’ एक ऐसी तकनीक है जिसमें कॉल को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल करके किया जाता है। वीपीएन डिवाइस और एक रिमोट सर्वर के बीच एक एन्क्रिप्टेड (कोडित) कनेक्शन बनाता है, जिससे कॉल करने वाले की असली पहचान और लोकेशन छिप जाती है। यही कारण है कि पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए इस तरह की कॉल के स्रोत का पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
गायकवाड़ पर सिर्फ बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल होने का ही आरोप नहीं है। सूत्रों के अनुसार, उसने जुलाई 2025 में पंजाब के एक बड़े कपड़ा व्यापारी संजय वर्मा की हत्या में भी अहम भूमिका निभाई थी। गायकवाड़ ने शुभम के निर्देश पर हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों को रहने की जगह और अन्य जरूरी सहायता मुहैया कराई थी। इस मामले में भी वह नामजद आरोपी है। इसलिए, पंजाब पुलिस जल्द ही मुंबई आकर गायकवाड़ की कस्टडी लेने वाली है। उम्मीद है कि इस सप्ताह पंजाब पुलिस की एक टीम मुंबई पहुंचेगी और मुंबई क्राइम ब्रांच से उसे हिरासत में लेगी।
जांच में यह भी सामने आया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या से पहले, 1 अक्टूबर 2024 से 12 अक्टूबर 2024 तक गायकवाड़ लगातार शुभम के भाई प्रवीण लोनकर के संपर्क में था। इस दौरान दोनों के बीच हत्या की साजिश को लेकर लगातार बातचीत होती रही। हत्या के बाद कुछ दिनों के लिए यह बातचीत बंद हो गई थी, लेकिन शुभम के कनाडा पहुंचने के बाद गायकवाड़ का उससे दोबारा संपर्क शुरू हो गया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गायकवाड़ की गिरफ्तारी से दो हफ्ते पहले तक भी वह डब्बा कॉलिंग और सिग्नल ऐप के जरिए शुभम से बात कर रहा था। हालांकि, इन कॉल्स की लोकेशन को अभी तक ट्रेस नहीं किया जा सका है और पुलिस लगातार कोशिश कर रही है।