बिहार में विभिन्न विकास परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर सोमवार को राजधानी पटना में बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर उतर आए। किसानों का आरोप था कि सरकार विकास परियोजनाओं के नाम पर किसानों की जमीन औने-पौने दामों पर हड़प रही है। प्रदर्शन का नेतृत्व राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह ने किया। किसानों ने आरोप लगाया कि भू-अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार चार गुना मुआवजे का प्रावधान होने के बावजूद, उन्हें 2010 की दर से मुआवजा दिया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले यह प्रदर्शन बुद्ध पार्क से शुरू हुआ।
किसानों ने बक्सर के चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव को उजाड़कर NH-319A के निर्माण का विरोध किया और रूट बदलने की मांग की। पटना जिले के बख्तियारपुर प्रखंड के गंगापुर नरौली की उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण का प्रयास भी किसानों की नाराजगी का कारण बना। इस दौरान किसानों ने 15 सूत्री मांगों को सरकार के सामने रखा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि कांग्रेस की मतदाता अधिकार यात्रा ने बीजेपी के झूठ को उजागर किया है और जनता कांग्रेस को विकल्प मान रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी वोट चुराकर चुनाव जीतने का सपना देख रही है, लेकिन जनता ने उनके सपनों को धूल में मिला दिया।
सीपीएम-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल उठाए और कहा कि समयसीमा कम है। एनडीए ने 14 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें नेताओं ने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया।
संतोष सुमन ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस 90 चुनाव हार चुकी है और बिहार में भी असफल होगी।
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर जननायक कर्पूरी ठाकुर की विरासत को कमजोर करने का आरोप लगाया। जेडीयू के मनीष वर्मा ने आरजेडी-कांग्रेस की सरकार पर बिहार को बदनाम करने का आरोप लगाया। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने महागठबंधन को महाघोटालेबाजों का गठबंधन बताया।