बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए सीट बंटवारे का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) ने अपने छोटे सहयोगियों की मांगों को मानते हुए एक समझौता किया है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (LJP-RV) और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के दबाव के बीच, बीजेपी और जदयू ने मिलकर इन सहयोगियों को आगामी चुनावों के लिए सीटों का उचित हिस्सा देने का फैसला किया है। मतदान 6 और 11 नवंबर को होना है, जिसके मद्देनजर यह फैसला महत्वपूर्ण है।
सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान को 26 सीटें आवंटित की गई हैं, और LJP-RV ने इस सौदे को स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनावों में, LJP ने अकेले 135 सीटों पर चुनाव लड़ा था और जदयू को 25 सीटों का नुकसान पहुंचाया था। इसी आधार पर, LJP 35 सीटें मांग रही थी, लेकिन अब 26 सीटों पर सहमत हो गई है।
वहीं, जीतन मांझी, जो कथित तौर पर 15 सीटें मांग रहे थे, उन्हें पिछले चुनाव की तुलना में एक सीट अधिक मिलने की संभावना है। उन्हें संभवतः आठ सीटें मिलेंगी। उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी (RLP) को भी सात सीटें मिल सकती हैं। इस प्रकार, 41 सीटों पर सहमति बन गई है, और NDA के पास बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से शेष 202 सीटों पर चुनाव लड़ने का विकल्प है। बीजेपी और जदयू प्रत्येक लगभग 100-101 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं।
भाजपा के नेता दिल्ली में आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक कर रहे हैं, जिसके बाद औपचारिक घोषणा की जाएगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आगामी एनडीए की बैठक का मुख्य उद्देश्य एक बेहतर सरकार, सुशासन और भ्रष्ट राजनीति से मुक्ति सुनिश्चित करना है।
यह चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से एनडीए, जिसका नेतृत्व भाजपा और जदयू कर रहे हैं, और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन के बीच होगा। INDIA गठबंधन में कांग्रेस, सीपीआई-एमएल (दीपंकर भट्टाचार्य), सीपीआई, सीपीआई-एम और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी राज्य की सभी 243 सीटों पर दावा ठोंका है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।