बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी भी दूर है, लेकिन राजनीतिक गठबंधनों का सिलसिला जारी है। कई छोटी पार्टियाँ अभी भी राज्य में मुख्य विपक्षी गठबंधन, महागठबंधन में शामिल हो रही हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी लंबे समय से महागठबंधन का हिस्सा बनना चाहती है, लेकिन लालू यादव और तेजस्वी यादव की ओर से हरी झंडी नहीं मिल पाई है। कांग्रेस भी एआईएमआईएम को शामिल करने के पक्ष में नहीं दिख रही है। ओवैसी की पार्टी महागठबंधन पर दबाव बनाने के लिए एक नई मुहिम शुरू कर दी है।
एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ पटना स्थित लालू प्रसाद यादव के सरकारी आवास पर पहुँचे। उन्होंने महागठबंधन में अपनी पार्टी को शामिल करने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया।
विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष वोटों का बिखराव सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को फायदा पहुंचाएगा, इसलिए सभी दलों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। अपनी इसी मांग को लेकर ओवैसी की पार्टी लालू प्रसाद यादव को एक पत्र देने गई थी, लेकिन वहाँ कोई मौजूद नहीं था। प्रदर्शन के बाद पार्टी का पत्र लेने के लिए लालू के आवास पर किसी के मौजूद नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए, इमान ने कहा कि उनका पत्र तक स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद एआईएमआईएम के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मीडिया से बात की और अपनी बात रखी। अख्तरुल इमान ने कहा, “हम चाहते हैं कि महागठबंधन हमें साथ लेकर चले। बिहार में अगर धर्मनिरपेक्ष वोट बिखर गए तो इसका नुकसान महागठबंधन को ही होगा और बीजेपी को लाभ मिल जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आरजेडी मुसलमानों का वोट तो चाहती है, लेकिन मुस्लिम नेतृत्व को आगे बढ़ते देखना नहीं चाहती।
अगर चुनाव के बाद आरजेडी हमें यह बदनाम करने की कोशिश करे कि एआईएमआईएम की वजह से उनकी सरकार नहीं बन पाई, तो यह बिल्कुल ग़लत होगा। एआईएमआईएम ने हमेशा मिलकर लड़ने और बीजेपी को रोकने की पहल की है। लेकिन आरजेडी की जिद की वजह से यह गठबंधन नहीं हो पा रहा है। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम लंबे समय से महागठबंधन का हिस्सा बनने की कोशिश में लगी है। लेकिन आरजेडी और कांग्रेस अपने महागठबंधन में किसी भी सांप्रदायिक दल को साथ लेकर नहीं चलना चाहती। इससे पहले जुलाई में भी एआईएमआईएम ने महागठबंधन के कई नेताओं को पत्र लिखकर इस गठबंधन में शामिल होने की बात कही थी, तब भी ये प्रस्ताव ठुकरा दिया गया। आरजेडी और कांग्रेस द्वारा प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद एआईएमआईएम ने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी। अख्तरुल इमान ने एक बार फिर कहा कि एआईएमआईएम अपने मजबूत इरादों और जनता के भरोसे के साथ विधानसभा चुनाव मैदान में उतरेगी।