बिहार में ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की शुरुआत 26 सितंबर 2025 को हुई थी। उस दिन, राज्य की 75 लाख महिला लाभार्थियों को 10 हजार रुपये प्रति लाभार्थी की दर से 7500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई थी। हालिया कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री ने 25 लाख महिला लाभार्थियों को 10 हजार रुपये प्रति लाभार्थी की दर से 2500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से वितरित की। अब तक, कुल 1 करोड़ लाभार्थी महिलाओं के खातों में 10 हजार करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि आज 25 लाख महिलाओं को राशि दी जा रही है, जिससे अब कुल 1 करोड़ महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना का लाभ राज्य के हर परिवार की एक महिला को देना है, इसलिए जो महिलाएं शेष रह गई हैं, उन्हें 10 हजार रुपये की सहायता राशि देने के लिए तिथियां निर्धारित कर दी गई हैं। अगली किस्त 6 अक्टूबर 2025 को दी जाएगी। author.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन महिलाओं का रोजगार अच्छा चलेगा, उन्हें आगे 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि 24 नवंबर 2005 को एनडीए की सरकार बनी थी, जिसके बाद से बिहार के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। राज्य में अब कानून का राज है और सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में काम चल रहा है। शुरुआत से ही महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरुआत की गई। 2013 से पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। 2016 से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या बहुत कम थी। 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया, जिसे ‘जीविका’ नाम दिया गया। अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या लगभग 11 लाख हो गई है, जिसमें जीविका दीदियों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख है। 2024 से शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन हो रहा है, जिनकी संख्या 37 हजार हो गई है और इसमें लगभग 3 लाख 85 हजार जीविका दीदियां हैं।