बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। राजनीतिक दल आरोप-प्रत्यारोप के जरिए चुनावी मैदान में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में विपक्षी गठबंधन द्वारा उनकी मां को गाली देने का मुद्दा उठाया, तो आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इसी रास्ते पर चलते हुए एक दांव खेला।
दरअसल, पीएम मोदी ने अक्सर विपक्षी दलों द्वारा किए गए हमलों का जवाब शालीनता से दिया है। उन्होंने अपने खिलाफ होने वाले व्यक्तिगत हमलों को चुनावी अभियान का हिस्सा बनाया, रैलियों में मुद्दा बनाया और विपक्ष को घेरा।
2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने उन्हें ‘मौत का सौदागर’ कहा था, जिसका पार्टी को नुकसान हुआ। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने उन्हें ‘चायवाला’ कहा था और प्रियंका गांधी ने ‘नीच’ शब्द का इस्तेमाल किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी को ‘चौकीदार चोर है’ कहा था, जो उनके लिए एक बड़ी समस्या बन गई।
अब बिहार चुनाव से पहले, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने एक मतदाता अधिकार यात्रा निकाली। इस दौरान दरभंगा में एक मंच से पीएम मोदी की मां को गाली दी गई। इस घटना पर पीएम मोदी ने कहा कि जिस मां का शरीर भी नहीं है, उन्हें आरजेडी और कांग्रेस के मंच से गालियां दी गईं।
तेजस्वी यादव ने ‘मां’ की एक नई परिभाषा गढ़ते हुए ‘समृद्ध महिला, सशक्त महिला और सुरक्षित महिला’ का नारा दिया। उन्होंने पटना में एक महिला संवाद में MAA योजना का ऐलान किया, जिसका मतलब है: एम से मकान, ए से अनाज और ए से आमदनी। तेजस्वी यादव महिलाओं को महत्व देते हैं क्योंकि वे बिहार में महत्वपूर्ण मतदाता हैं।
विभिन्न राजनीतिक दल महिला वोटरों को लुभाने में लगे हैं। आरजेडी ने मां योजना शुरू करने की घोषणा की है, जबकि प्रियंका गांधी महिलाओं से बातचीत करने और चुनावी घोषणा पत्र जारी करने वाली हैं। दूसरी ओर, पीएम मोदी 75 लाख महिलाओं को दिवाली से पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 10-10 हजार रुपये डीबीटी के जरिए देने वाले हैं।
नीतीश कुमार ने 2005 में बिहार के सीएम बनने के बाद महिलाओं के लिए कई अहम फैसले लिए, जैसे कि स्थानीय निकायों में 50% आरक्षण और 2006 में मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना शुरू की। 2016 में नौकरियों में 35% आरक्षण और 2018 में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के माध्यम से छात्राओं को वित्तीय सहायता दी गई।