बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, एनडीए सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 10,000 रुपये भेजे गए हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि बिहार में महिलाओं की आबादी लगभग 48 प्रतिशत है और वे पिछले कुछ चुनावों में एनडीए के पक्ष में मतदान करती रही हैं।
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना है। योजना के तहत, प्रत्येक परिवार की एक महिला को वित्तीय सहायता दी जाएगी ताकि वह अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू कर सके। शुरुआत में 10,000 रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी, जिसके बाद 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलने की संभावना है। महिलाएं कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई, बुनाई और अन्य लघु उद्योगों जैसे क्षेत्रों में काम कर सकती हैं।
इस योजना के माध्यम से, सामुदायिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, महिलाओं के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण हाट-बाजारों का विकास किया जाएगा।
यह योजना डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से लागू की जा रही है, जिससे लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे पैसा भेजा जाएगा। डीबीटी का उद्देश्य कल्याणकारी भुगतानों और सब्सिडी को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाना है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है और भ्रष्टाचार कम होता है।
यह माना जा रहा है कि यह योजना एनडीए को बिहार में सत्ता में वापसी में मदद करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिलकर इस योजना की शुरुआत की है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी इस तरह की योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनसे चुनाव में बीजेपी को फायदा हुआ है।