मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि 2005 से पहले बिहार में बिजली की स्थिति बहुत खराब थी, खासकर राजधानी पटना में। 2005 में सरकार बनने के बाद बिजली के क्षेत्र में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम किया गया, बिजली बजट बढ़ाया गया और आपूर्ति बढ़ाई गई। इसके बाद सभी गांवों और टोलों में बिजली पहुंचाई गई। 2015 में ‘हर घर बिजली’ योजना शुरू की गई, जिसके तहत अक्टूबर 2018 तक हर घर में बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर लिया गया। अब, जो भी नए घर या टोले बने हैं, उन सभी को बिजली पहुंचाई जा चुकी है। नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार हमेशा से सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराती रही है। उन्होंने कहा कि जुलाई से राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी, जिससे 1 करोड़ 89 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ हो रहा है। सरकार सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दे रही है और सभी सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। अब, इच्छुक घरेलू उपभोक्ताओं को भी सौर ऊर्जा का लाभ दिया जाएगा। सुपौल की कोमल कुमारी और नालंदा की लीला कुमारी जैसी उपभोक्ताओं ने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे उनके परिवारों को लाभ होगा। मुजफ्फरपुर की गुड़िया और गयाजी की नूरजहां खातून ने भी मुफ्त बिजली मिलने पर खुशी जाहिर की। कार्यक्रम में ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंट किया। कार्यक्रम में ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।







