बिहार में चुनाव की घोषणा से पहले ही सियासी माहौल गर्म है। एक ओर लालू यादव के परिवार में कलह जारी है, तो दूसरी ओर जदयू में भी अंतर्कलह चल रहा है। प्रशांत किशोर ने जदयू के मंत्री अशोक चौधरी पर 200 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पीके के इस आरोप के बाद जदयू में आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है।
प्रशांत किशोर के आरोप के बाद मंत्री अशोक चौधरी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए, लेकिन जदयू के पूर्व मंत्री और एमएलसी नीरज कुमार ने पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया दी। नीरज कुमार ने अशोक चौधरी को आरोपों का जवाब देने या इस्तीफा देने को कहा है। साथ ही, उन्होंने अशोक चौधरी द्वारा नीतीश कुमार को ‘मानस पिता’ कहे जाने पर भी सवाल उठाए हैं।
प्रशांत किशोर ने मीडिया में फिर से कहा कि अशोक चौधरी को या तो आरोपों पर जवाब देना चाहिए या इस्तीफा देना चाहिए। नीतीश कुमार की यह नीति रही है, जैसे पहले महागठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव पर लगे आरोपों पर उन्हें जवाब देने को कहा गया था, और जवाब न देने पर गठबंधन तोड़ दिया गया था।
अब सवाल यह है कि अशोक चौधरी क्या जवाब देंगे या इस्तीफा देंगे? बिहार चुनाव में सूर्यगढ़ा सीट को लेकर अशोक चौधरी पहले से ही उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के निशाने पर हैं। बरबीघा सीट, जहां से वह अपने दामाद को चुनाव लड़ाना चाहते हैं, वह मंत्री विजय चौधरी के निशाने पर है। अनंत सिंह से नजदीकियों के कारण वह जदयू एमएलसी नीरज कुमार के निशाने पर भी हैं।