बिहार में आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए विधि-व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 5 सितंबर को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी, 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी और 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के मद्देनजर विशेष तैयारियां की गई हैं। सभी प्रकार के जुलूस निकालने के लिए स्थानीय प्रशासन से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। अनंत चतुर्दशी के अवसर पर गणेश प्रतिमा विसर्जन की परंपरा है।
इस दौरान किसी भी जुलूस में डीजे बजाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। एडीजी (विधि-व्यवस्था) पंकज कुमार दराद ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों को अतिरिक्त सुरक्षा बल मुहैया करा दिए गए हैं।
जुलूस से पहले शांति समिति की बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। जिन शहरों में जुलूस निकलेंगे, उनके रूट निर्धारित किए जाएंगे और पूरे रूट का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। सभी संवेदनशील स्थानों की पहचान कर वहां अतिरिक्त बल तैनात किए जाएंगे। सभी जुलूसों की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से की जाएगी। विसर्जन के लिए चिन्हित नदी घाटों पर गोताखोरों की तैनाती की जाएगी।
एडीजी पंकज कुमार दराद ने बताया कि पूजा या जुलूस के दौरान जिला से लेकर पुलिस मुख्यालय तक के कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम करेंगे। हर 4 घंटे में मुख्यालय स्तर से सभी जिलों से अपडेट रिपोर्ट ली जाएगी, ताकि हर जगह की स्थिति का सही आकलन किया जा सके। सभी जिलों को सभी तरह की अफवाहों पर लगातार नजर रखने और सोशल मीडिया की निगरानी करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि विधि-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में संदिग्ध लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।
गया में पितृपक्ष मेला 6 से 21 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। एडीजी पंकज दराद ने बताया कि यहां अतिरिक्त बल तैनात किया गया है, जिसमें 395 पुलिस अधिकारी, 1600 सिपाही और 800 गृह रक्षक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 5 कंपनी सशस्त्र बल, 2 घुड़सवार दल, 2 आंसू गैस दस्ते, क्षेत्रीय रिजर्व की 1 दंगा निरोधक कंपनी और 2 बम निरोधक दस्ते सहित अन्य बलों को तैनात किया गया है। गया बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख स्थानों पर पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे, ताकि बाहर से आने वाले लोगों को उचित सहायता मिल सके।