बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों का महागठबंधन कथित ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए बिहार में यात्रा निकाल रहा है। अब एनडीए भी सक्रिय होने जा रहा है। संसद के मानसून सत्र की समाप्ति के साथ ही एनडीए बिहार में अपने चुनाव अभियान को तेज करने की योजना बना रहा है। एनडीए की रणनीति के अनुसार, पीएम मोदी 22 अगस्त को गया का दौरा करेंगे और वहां रैली के तुरंत बाद, यानी 23 अगस्त से गठबंधन बिहार में चुनाव अभियान शुरू कर देगा।
एनडीए पीएम मोदी की रैली के तुरंत बाद ही अपना चुनाव अभियान शुरू करने जा रहा है। उसने अपने चुनावी अभियान के लिए 7-7 नेताओं की 14 टीमें बनाई हैं। शीर्ष नेतृत्व की रणनीति के अनुसार, 14 टीमों में एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं को शामिल किया जाएगा, जो पहले 2 चरणों में 84 निर्वाचन क्षेत्रों को कवर करेंगी।
यह चुनावी अभियान 23 अगस्त से 30 अगस्त तक 2 चरणों में चलेगा। हर टीम 6 दिनों में 6-6 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेगी। इस टीम में केंद्रीय मंत्री के अलावा पार्टी सांसद, राज्य मंत्री और एनडीए के सभी पांचों सहयोगी दलों – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम-एस) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा (आरएलएम) के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
पहली टीम का नेतृत्व जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा करेंगे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, जीतन राम मांझी, नित्यानंद राय, सतीश चंद्र दुबे और रामनाथ ठाकुर इस टीम का हिस्सा होंगे। इसके अलावा, बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, एनडीए के सभी दलों के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेता भी इस टीम में शामिल हैं।
ये नेता चुनाव से ठीक पहले बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने को लेकर विधानसभा स्तर पर एनडीए के सभी कार्यकर्ताओं की एक संयुक्त बैठक करेंगे। इस दौरान ये नेता केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार के कामों और उपलब्धियों को बताने के लिए संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित करेंगे।
कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए एनडीए अब विधानसभा स्तर पर भी सक्रिय होगा। बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस सम्मेलन की योजना बहुत पहले से बनाई गई थी। 21 अगस्त को संसद का मानसून सत्र खत्म हो रहा है और 22 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी गया में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। कार्यकर्ता सम्मेलन की शुरुआत 23 अगस्त से करने की योजना बनाई गई है।
यह सब तब शुरू हो रहा है जब बिहार में विपक्षी दल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल आपसी सहयोगी दलों के साथ मिलकर ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं। 13 हजार किलोमीटर की यह यात्रा राज्य के करीब 20 जिलों को कवर करते हुए एक सितंबर को पटना में पूरी होगी। इस दौरान ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के जरिए विपक्ष केंद्र पर वोट चोरी करने जैसे गंभीर आरोप लगा रहा है। अब एनडीए भी विपक्षी हमलों का जवाब देने और अपने चुनाव अभियान तेज करते हुए जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम शुरू कर रही है।