बिहार सरकार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में शुक्रवार को जनगणना 2027 के पूर्व परीक्षण को लेकर राज्यस्तरीय जनगणना समन्वय समिति (SLCCC) की बैठक आयोजित की गई। इस समिति का गठन जनगणना से संबंधित कार्यों के लिए सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय, निगरानी और पर्यवेक्षण करने के उद्देश्य से किया गया है।
बैठक में बिहार के सामान्य प्रशासन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, शिक्षा विभाग, वित्त विभाग, योजना एवं विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायती राज विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग के साथ-साथ सीतामढ़ी, नवादा और सारण जिलों के जिलाधिकारियों ने भाग लिया।
इस बैठक में आगामी जनगणना 2027 की रूपरेखा और विशेष रूप से पूर्व परीक्षण के आयोजन पर विस्तार से चर्चा की गई।
1. बिहार राज्य की सभी 534 ग्रामीण और 263 शहरी प्रशासनिक इकाइयों के क्षेत्राधिकार पर चर्चा की गई।
2. जनगणना कार्य निदेशालय बिहार, पटना द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, राज्य के प्रशासनिक क्षेत्रों की सीमाओं में 31 दिसंबर 2025 के बाद से भारत की जनगणना 2027 का कार्य पूरा होने तक (31 मार्च 2027 तक) कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
3. भारत की जनगणना 2027 दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण, मकानों की सूची बनाना और गणना करना, राज्य सरकार के परामर्श से अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच 30 दिनों में पूरा किया जाएगा। दूसरा चरण वास्तविक गणना (Actual Enumeration) है, जो 9 से 28 फरवरी 2027 के दौरान निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा।
4. जनगणना 2027 पहली बार पूरी तरह से डिजिटल मोड में आयोजित की जानी है। इस संबंध में निम्नलिखित बिंदुओं पर बैठक में विस्तार से चर्चा हुई:
* क्षेत्राधिकार परिवर्तन से संबंधित पोर्टल के माध्यम से प्रशासनिक इकाइयों को अपडेट किया जाएगा।
* Census Management and Monitoring System (CMMS) पोर्टल के माध्यम से पर्यवेक्षकों और गणनाकर्ताओं के लिए नियुक्ति पत्र, पहचान पत्र और डिजिटल चार्ज रजिस्टर तैयार किए जाएंगे और जनगणना 2027 से संबंधित कार्यों की निगरानी की जाएगी।
* हाउस लिस्टिंग ब्लॉक्स (HLBs) और डिजिटल लेआउट मैप (DLM) तैयार किए जाएंगे।
* नागरिकों को सेल्फ-एन्यूमरेशन (Self-Enumeration) की सुविधा दी जाएगी।
5. प्रशिक्षण व्यवस्था: जनगणना कार्य के लिए पांच स्तरों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें विषय विशेषज्ञ, राष्ट्रीय प्रशिक्षक, मास्टर प्रशिक्षक, फील्ड प्रशिक्षक, गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक शामिल होंगे।
6. पूर्व-परीक्षण: अक्टूबर-नवंबर 2025 में बिहार राज्य के तीन चार्जों में पूर्व-परीक्षण आयोजित किया जाएगा। इस कार्य के लिए पहली बार मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जाएगा। पूर्व परीक्षण के दौरान, प्रश्नावली, सीएमएमएस पोर्टल, एचएलओ और पीई मोबाइल ऐप, डीएलएम मैपिंग ऐप और एचएलबी क्रिएटर पोर्टल का परीक्षण किया जाएगा।