बिहार सरकार ने गांवों को शहरों से जोड़ने और ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत, वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य भर में 703 नए पुलों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। 15 सितंबर से इन पुलों का निर्माण शुरू हो गया है।
इस योजना पर कुल 3,688 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे हजारों गांवों को स्थायी और सुरक्षित सड़क संपर्क मिलेगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सड़क संपर्क स्थापित करना है जहां बरसात, बाढ़ या पुराने पुलों के कारण आवागमन बाधित होता है। इस योजना के तहत पुराने और जर्जर पुलों को नए और मजबूत पुलों से बदला जाएगा और उन मार्गों को भी पुलों से जोड़ा जाएगा जहां मिसिंग ब्रिज के कारण रास्ते अधूरे हैं। बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों का भी पुनर्निर्माण किया जा रहा है।
पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक 56 पुलों का निर्माण किया जाएगा। दरभंगा में 38, गया, सिवान और सीतामढ़ी में 30-30, सारण और वैशाली में 28-28, भागलपुर और गोपालगंज में 27-27, रोहतास और शेखपुरा में 26-26, नालंदा में 24, बेगूसराय में 20 और पटना में 18 पुलों का निर्माण किया जा रहा है। यह योजना जन भागीदारी से बनी है, जिसमें जनता की मांगों को प्राथमिकता दी गई है। सरकार का मानना है कि यह योजना गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास की आधारशिला है, जिससे किसानों को अपने उत्पाद मंडी तक पहुंचाने, बच्चों को स्कूल जाने और आपात स्थिति में लोगों को अस्पतालों तक पहुंचने में आसानी होगी।