बिहार सरकार स्थानीय प्रतिनिधियों, विशेष रूप से मुखिया और सरपंचों के सामने आने वाले बढ़ते सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशासन ने राज्य की पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों को हथियार लाइसेंस जारी करने की अनुमति दी है। यह निर्णय पंचायत नेताओं पर हिंसक घटनाओं में वृद्धि के बाद आया है, जिससे सरकार को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया गया है। सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को तुरंत आवेदन संसाधित करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें गहन सत्यापन सुनिश्चित किया गया है। कैबिनेट ने हाल ही में हुई बैठक के दौरान प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें मुख्यमंत्री ने मामले की तात्कालिकता पर जोर दिया। यह कदम हाल के हमलों की पृष्ठभूमि के बीच आता है, जिसमें लखीसराय में एक मुखिया और गया में एक उप मुखिया की हत्या शामिल है। इन घटनाओं, साथ ही विभिन्न जिलों में कई धमकियों और हमलों के प्रयासों ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच चिंताओं को बढ़ा दिया है। सरकार का लाइसेंस जारी करने का निर्णय आगामी विधानसभा चुनावों से पहले स्थानीय नेताओं से समर्थन हासिल करने की एक व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जाता है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं का समर्थन करने के लिए प्रत्येक पंचायत में विवाह हॉल के निर्माण के लिए भी एक महत्वपूर्ण बजट को मंजूरी दी है।
बिहार में मुखिया और सरपंचों की सुरक्षा के लिए नीतीश सरकार का बड़ा कदम: बंदूक लाइसेंस जारी करने का फैसला
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