
बिहार सरकार जल जीवन हरियाली अभियान के तहत 5 अगस्त को पौधशाला निर्माण और सघन वृक्षारोपण पर एक परिचर्चा आयोजित करने जा रही है। यह अभियान, जिसे 2019 में शुरू किया गया था, राज्य में जलवायु परिवर्तन से निपटने, हरित क्षेत्र को बढ़ाने, जल संसाधनों को संरक्षित करने और ऊर्जा बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अभियान के तहत, सभी विभागों को हर महीने के पहले मंगलवार को जल जीवन हरियाली दिवस मनाने का निर्देश दिया गया है। इस साल यह आयोजन 5 अगस्त को होगा।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग इस अभियान को 15 अन्य विभागों के साथ मिलकर चला रहा है। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के लिए ग्रामीण विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस योजना के 11 मुख्य घटक हैं।
पर्यावरण विभाग, घटक 5 और 8 के तहत, छोटी नदियों, नालों और पहाड़ी क्षेत्रों में चेक डैम और जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करता है, साथ ही पौधशालाओं का निर्माण और बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण भी करता है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक, विभाग ने 26,482 चेक डैम और जल संरचनाओं का निर्माण किया है। घटक 8 के तहत 20.20 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीके गुप्ता के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है, जिसमें से 1 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4.67 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य था, जिसमें से 4.14 करोड़ पौधे लगाए गए, जो लक्ष्य का 90% था।