बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी चुनावी रणनीति को धार देते हुए 45 विशेष नेताओं की एक टीम को मैदान में उतारा है। पार्टी ने बूथ स्तर से लेकर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों तक एक मजबूत नेटवर्क बनाने का लक्ष्य रखा है। इन नेताओं को विभिन्न राज्यों से लाया गया है और प्रत्येक को एक लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आने वाले दिनों में विधानसभा स्तर पर भी नेताओं की तैनाती की जाएगी। इन सभी नेताओं को 6-6 विधानसभा क्षेत्रों का प्रभार दिया गया है।
पटना में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह-प्रभारी सी.आर. पाटिल, केशव प्रसाद मौर्य और बिहार प्रभारी विनोद तावड़े सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। बैठक में, इन प्रवासी नेताओं को उनके कार्यों के बारे में जानकारी दी गई और बिहार में जीत हासिल करने का मिशन सौंपा गया। उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में भेज दिया गया है।
इस सूची में छत्तीसगढ़ से सांसद संतोष पांडेय और विजय बघेल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय शामिल हैं। दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी, कमलजीत सहरावत और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा को भी तैनात किया जाएगा। गुजरात से सांसद देवूसिंह चौहान, मितेश पटेल और विधायक अमित ठाकरे को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हरियाणा से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, जम्मू-कश्मीर से सांसद युगल किशोर शर्मा, झारखंड से सांसद मनीष जयसवाल, कालीचरण सिंह, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र राय और पूर्व सांसद सुनील सिंह जैसे नेता भी शामिल हैं। ओडिशा से सांसद अनंत नायक भी इस सूची में हैं।
मध्य प्रदेश से गजेंद्र सिंह पटेल, बी.डी. शर्मा, अनिल फिरोजिया, मंत्री प्रह्लाद पटेल और विश्वास सारंग, पूर्व सांसद के.पी. सिंह यादव और अरविंद सिंह भदौरिया को जिम्मेदारी दी गई है। उत्तर प्रदेश से सांसद सतीश गौतम, राजकुमार चाहर, संगम लाल गुप्ता, पूर्व सांसद विनोद सोनकर, पूर्व मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी, नेता उपेंद्र तिवारी और विधायक सलभ मणि त्रिपाठी शामिल हैं। राजस्थान से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी प्रवासी सूची का हिस्सा हैं।
इसके अतिरिक्त, पूर्व सांसद, विधायक और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों, जैसे राम सत पुते (युवा मोर्चा उपाध्यक्ष) और अन्य को भी चुनावी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पार्टी की रणनीति के अनुसार, आने वाले हफ़्तों में विधानसभा स्तर पर भी नेताओं की नियुक्ति की जाएगी। प्रवासी नेताओं का उद्देश्य केवल चुनाव प्रचार करना ही नहीं है, बल्कि स्थानीय कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना और एनडीए गठबंधन के लिए हर सीट पर जीत सुनिश्चित करना है। बीजेपी का मानना है कि इन 45 विशेष नेताओं की जमीनी मौजूदगी और संगठनात्मक अनुभव बिहार के चुनावी समीकरण को बदल देगा।