
बिहार विधानसभा चुनाव सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले हफ्ते में होने की संभावना है। इसके बाद एनडीए में घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा होगा। एनडीए में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार है, और इस पर सहमति भी बन चुकी है। अंतिम निर्णय के लिए बड़े नेताओं की बैठक होगी। पिछली बार के विधानसभा चुनाव के आधार पर ही सीटों का बंटवारा होगा, जिसमें चिराग पासवान को समायोजित करना होगा। सूत्रों के अनुसार, वे 40 से अधिक सीटें मांग रहे हैं। भाजपा सूत्रों का मानना है कि पासवान के लिए अधिक सीटें मांगना राजनीतिक मजबूरी है, क्योंकि उन्हें अपने समर्थकों का हौसला बनाए रखना है। सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान गठबंधन के लिए ज़रूरी हैं और सीट बंटवारे में उनकी भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा। हालाँकि, जेडीयू चिराग को 20 से अधिक सीटें देने के पक्ष में नहीं है। नीतीश और रामविलास पासवान और चिराग पासवान के बीच पहले भी रिश्ते उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। ऐसे में चिराग को सीट बंटवारे में नुकसान हो सकता है। भाजपा और जेडीयू के बीच इस बात पर सहमति है कि दोनों ही दल 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन जेडीयू कुछ अधिक सीटें लड़ेगी ताकि बिहार में बड़े भाई का संदेश दे सके। कुछ सीटें जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को भी दी जाएंगी। चुनाव दो से तीन चरणों में हो सकता है, जो दिवाली और छठ को ध्यान में रखकर तय किया जाएगा। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया उससे पहले पूरी होनी ज़रूरी है।






