वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित रैली ने बिहार के राजनीतिक नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएँ खींची हैं। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने रैली की आलोचना की। सिन्हा ने विपक्ष पर वक्फ बिल के मुद्दे का उपयोग करके लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया। सिन्हा ने कहा कि बिल संतुष्टि को दर्शाता है न कि तुष्टिकरण को। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद और कांग्रेस शोषण की सरकार बनाने के लिए भावनाओं को भड़का रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि संसद द्वारा इस बिल को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पारित किया गया था और यह धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करता है।
सिन्हा ने यह भी बताया कि वक्फ बोर्ड धार्मिक दान से संबंधित कार्यों के लिए गैर-इस्लामिक सदस्यों को शामिल नहीं करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि गैर-मुस्लिम सदस्य धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे। वक्फ बोर्ड की भूमिका वक्फ संपत्तियों को बेचने वाले लोगों को हटाना होना चाहिए। उन्होंने राजद-कांग्रेस पर भ्रम और अराजकता पैदा करने का आरोप लगाया।
जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर राजनीतिक लाभ के लिए वक्फ मुद्दे का फायदा उठाने का आरोप लगाया है। मांझी ने कहा कि तेजस्वी विफल होंगे। उन्होंने तेजस्वी को वक्फ भूमि से अवैध कब्जेदारों को हटाने की चुनौती दी। मांझी ने कहा कि 90% अवैध कब्जेदारों का संबंध तेजस्वी यादव की पार्टी से है। मांझी ने निष्कर्ष निकाला कि वर्तमान स्थिति उनके माता-पिता के प्रशासन के कार्यों का परिणाम है।