आजादी के बाद पहली बार, कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक 24 सितंबर को बिहार के पटना में आयोजित होने जा रही है। यह बैठक बिहार में हो रही है, इससे पहले 1912 में पटना और 1922 में गया में कांग्रेस के अधिवेशन हुए थे। इस विस्तारित सीडब्ल्यूसी की एक दिवसीय बैठक में कार्यसमिति के सभी सदस्यों के साथ-साथ सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता, सभी फ्रंटल के पदाधिकारी, सभी मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, पटना में होने वाली बैठक में दूसरी क्रांति, लोकतंत्र के खतरे और ‘वोट चोरी’ को लेकर प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। इसमें बुद्ध की भूमि पर गांधी और जेपी की क्रांति को याद करते हुए राहुल गांधी को जननायक के रूप में पेश किया जाएगा। चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं पर उठ रहे सवालों पर भी चर्चा होगी। बिहार मामलों के एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि बैठक में राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ बिहार से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होगी। कांग्रेस बिहार में दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ रही है, इसलिए यह बैठक राज्य में आयोजित की जा रही है। सदाकत आश्रम अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई का केंद्र रहा है और यह फिर से दूसरी आजादी की लड़ाई का केंद्र बनेगा। बैठक का उद्देश्य राहुल गांधी की बिहार में हाल ही में संपन्न ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को जनजागरण और जागरूकता के लिए एक बड़े कदम के रूप में धन्यवाद देना है। पार्टी का लक्ष्य न केवल आने वाले चुनावों के लिए माहौल तैयार करना है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार से ‘वोट चोरी’ के खिलाफ एक आंदोलन शुरू करने की रणनीति बनाना भी है।
बिहार में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक: राहुल गांधी को जननायक बनाने की रणनीति
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