सीतामढ़ी, बिहार में एक व्यक्ति को अपने बेटे को बचाने की कोशिश महंगी पड़ी। उसने कोर्ट में बेटे को नाबालिग साबित करने के लिए एक फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया। रहमान मियां नाम के इस व्यक्ति ने कोर्ट में हलफनामा देकर दावा किया कि उसका बेटा बालिग नहीं है, लेकिन किशोर न्याय बोर्ड ने इस दावे को खारिज करते हुए प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया।
अब रहमान मियां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। वह परसौनी थाना क्षेत्र के भुल्ली गांव का रहने वाला है। उसका बेटा फिरोज एक मामले में फंसा हुआ है, जिसकी प्राथमिकी सीतामढ़ी महिला थाने में दर्ज है। बेटे को बचाने के लिए रहमान ने कोर्ट में फर्जी स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट पेश किया था। किशोर न्याय बोर्ड ने सुनवाई के दौरान पाया कि यह सर्टिफिकेट फर्जी है और स्कूल के हेड मास्टर ने भी इसकी पुष्टि की।
बोर्ड के आदेश के बाद, डुमरा थाने में रहमान मियां के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हेड मास्टर ने बोर्ड को बताया कि फिरोज का नाम कभी भी उनके स्कूल में दर्ज नहीं था, और पेश किया गया सर्टिफिकेट पूरी तरह से फर्जी है।