बिहार के भागलपुर में तिलका मांझी विश्वविद्यालय के छात्रावास में छात्रों को भयावह स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। छात्रावास तक पहुंचने के लिए, छात्रों को पहले 200 मीटर तक एक दीवार के सहारे चलना पड़ता है जिसके दोनों ओर गंदा पानी जमा है। उसके बाद, छात्रों ने खुद ही बांस की सीढ़ियों, दरवाजों और खिड़कियों का उपयोग करके एक पुल बनाया है जिससे उन्हें गुजरना पड़ता है। यह स्थिति पिछले 4 वर्षों से बनी हुई है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया।
विश्वविद्यालय प्रशासन और नगर निगम की उदासीनता के कारण, छात्रावास के छात्रों का जीवन दयनीय हो गया है। अंबेडकर कल्याण छात्रावास में लगभग 100 छात्र रहते हैं, जिन्हें हर समय खतरनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है। छात्रों ने कई बार विश्वविद्यालय के कुलपति और नगर निगम के अधिकारियों को अपनी समस्या बताई, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। हॉस्टल के चारों ओर 2.5 से 3 फीट तक पानी जमा है। भैरवा तालाब का जीर्णोद्धार स्मार्ट सिटी के तहत किया जा रहा है, लेकिन नाले का निर्माण नहीं होने के कारण जलजमाव की स्थिति बनी हुई है, जिससे जहरीले जीव-जंतु और बीमारियों का खतरा बना रहता है।