बिहार के मोतिहारी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस जिस आरोपी को फरार बता रही थी और जिसके खिलाफ कोर्ट से कुर्की की कार्रवाई शुरू हो चुकी थी, उसे मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा ने ढूंढ निकाला है। पूरा मामला मोतिहारी के कुंडवा चैनपुर थाना क्षेत्र का है, जहां तीन साल पहले कुंडवा चैनपुर के चर्चित सुरेश सिंह मस्तान हत्याकांड में दस लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में मोतिहारी कोर्ट ने पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ कोर्ट की कार्रवाई जारी है।
कुंडवा चैनपुर पुलिस, आरोपी पुरुषोत्तम कुमार के बारे में कोर्ट को लगातार बता रही थी कि वह फरार है और पुलिस की पकड़ से बाहर है। कोर्ट इस मामले में सख्त था और उसने आरोपी के खिलाफ कुर्की का आदेश भी दे दिया, लेकिन पुलिस की ढिलाई के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही थी। पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा ने जब फरार आरोपी को ढूंढना शुरू किया, तो उन्हें पता चला कि पुरुषोत्तम कुमार मुजफ्फरपुर स्थित एसएसबी के डीआईजी कार्यालय में नियमित रूप से काम कर रहा है और नियमित रूप से वेतन भी ले रहा है। इस पूरे मामले की जानकारी बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग पटना, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली, एसएसबी के महानिदेशक, आईजी, डीआईजी, पुलिस अधीक्षक मोतिहारी सहित केंद्रीय गृह मंत्रालय, नई दिल्ली को दी गई और कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। कांड के सूचक हरेंद्र सिंह ने बताया कि स्थानीय कुंडवा चैनपुर थाना की पुलिस आरोपी पुरुषोत्तम कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पीड़ित के वकील और मानवाधिकार मामलों के जानकार अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि पुलिस ने इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की, जिसके कारण आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है।