एनडीए अक्टूबर-नवंबर में होने वाले आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण की रणनीति बना रहा है। गठबंधन एक समन्वित अभियान चलाने की योजना बना रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री एक केंद्रीय भूमिका निभाएंगे। पीएम मोदी, जो एनडीए के स्टार प्रचारक हैं, ने पहले ही बिहार का दौरा शुरू कर दिया है, जिसमें चुनावों से पहले राज्य के सभी डिवीजनों में बड़ी रैलियां आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
पीएम मोदी पहले ही पटना, सारण और दरभंगा डिवीजनों में रैलियां कर चुके हैं और सरकारी परियोजनाओं का उद्घाटन कर चुके हैं। आने वाले महीनों में गया, बेगुसराय और कोसी डिवीजनों में आयोजित होने वाली अगली तीन रैलियों की योजना तैयार है। इसके बाद, एनडीए चुनाव की घोषणा से पहले पूर्णिया, भागलपुर और तिरहुत डिवीजनों में कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है। लक्ष्य इन कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे राज्य के मतदाताओं से जुड़ना है।
साथ ही, सरकार हजारों करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेगी। भाजपा की रणनीति में विकास को प्राथमिक चुनाव मुद्दा बनाना और आरजेडी से जुड़े कथित भ्रष्टाचार और शासन संबंधी मुद्दों पर जोर देना शामिल है।
15 जुलाई से 15 सितंबर तक, एनडीए सभी बिहार निर्वाचन क्षेत्रों में संयुक्त रैलियां आयोजित करने की योजना बना रहा है, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेता सभाओं को संबोधित करेंगे। ये रैलियां जिला और ब्लॉक स्तर की बैठकों के बाद आयोजित की जाएंगी।
एनडीए की रणनीति विशिष्ट क्षेत्रों के आधार पर अनुकूलित की जाएगी। आक्रामक हिंदुत्व जैसे मुद्दों से बचा जाएगा, और मुस्लिम समुदाय के प्रति दृष्टिकोण पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा। जदयू और लोजपा मुस्लिम वोट हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। एनडीए लालू यादव द्वारा अंबेडकर के कथित अपमान के मुद्दे को भी उजागर करेगा, जिसका लक्ष्य दलित मतदाताओं का समर्थन हासिल करना है।